Sunday, August 6, 2017

आजादी




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आजादी भारत की ,
दो दलों के कठोर परिश्रम और
आत्म बलिदान से मिली.
हर प्रांत के कितने बलिदानी ,
तन , मन , धन सब को देश के लिए
अर्पण किया, लाठी का मार सहा;
जेल की यातनाएं सही.
आजादी के बाद भारत की तरक्की हुयी हैं
इसमें शक की कोई बात नहीं ;
हिंसा के दल गरम दल ,
पटरियां तोडी, तार के खंभ तोड़े;
अंग्रेज़ी अत्याचारी निर्दयी जिलादेशों को मारा;
खुद फाँसी पर चढ़े,
उन भारत माँ के लालों का प्रणाम.
अहिंसा के मार्ग पर लाठी का बेरहमी मार सह कर
सत्याग्रह को अपनाया,असहयोग आन्दोलन किया,
स्वदेशी कपड़े बनाया, बनवाया;
विदेशी चीजों को जलाया.
जेल में असह्य यातनाएँ सही,
कोल्हू के बैल बन कोल्हू खींचे;
उन लाखों शहीदों को
सादर प्रणाम;
पुत्रों को , पत्नी को सब छोड़ अज्ञात वास बिताया.
उनके त्याग की चरम सीमा के कारण
आज है हम स्वतंत्र.
उन शहीदों , उन के नेताओं को
कोटी कोटी प्रणाम .
आज उनके प्रति हामारी बड़ी श्रद्धांजलियाँ
यही होंगी ,जिससे देश के भ्रष्टाचार दूर हो;
नदियों का राष्ट्रीयकरण हो,
प्रांतीय जोश से बढ़कर रास्ट्रीय भावना जागें;
रिश्वत न देने का मनो भाव हो.
जरा सोचिये , स्वतंत्रता सेनानियों का
अमूल्य अपूर्व त्याग;

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