Friday, August 25, 2017

हिंदी प्रचारक रीढ़ की हड्डी

ईश्वर करुण जी को जनसंपर्क अधिकारी का  पद  मिला  है. बधाइयां.दक्षिण हिंदी प्रचार सभा की रीढ़ की हड्डी प्राथमिक से प्रवीण  की परीक्षाएँ  न  उच्च शिक्षा और शोध संस्थान .


 पर उनके बयान में केवल उच्च परिक्षा और शोध संस्थान  का ही उल्लेख हैं ,
जिसमे अधिकांश छात्र तमिलनाडु के नहीं.
दूसरी बात है प्राथमिक से प्रवीण तक  कठोर मेहनत करके छात्रों की संख्या और सभा के नाम बढाने वाले सच्चे जनसंपर्क  की परीक्षाएं प्राथमिक से प्रवीण तक का  उल्लेख नहीं है .

आगे से इस पर  भी ध्यान देना है और प्रचारकों की सहूलियतें  और स्थायी प्रचारक की नियुक्ति पर भी  ध्यान देना चाहिए.
शोध संस्थान   में खर्च और छात्र संख्या और प्रचारोकों द्वारा मिलनेवाले नाम और आय पर  भी ध्यान देना है.
उच्च संस्थान का उद्देश्य हिन्दी प्रचार नहीं है. और उसमें नौकरी भी तमिलनाडु के हिंदी विद्वानों को नहीं मिल रही है. 

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