क्या लिखूं ?
ईश्वर से प्रेरणा न मिली ,
ईश्वर से संकेत न मिला
ईश्वर से ज्ञान न मिला तो
लिखूं क्या?
हर बात के मूल में
आदी मूल है तो
यह नर तन का मैं
क्या लिखूं?
कहा किसी ने करोड़ पति ,
पर वहां एक बच्चा पागल,
एक बड़े डाक्टर उनके बच्चे लंगड़ा
क्या लिखूं मैं
बगैर उसकी प्रेरणा के
वज़ह हैं अनेक
संसार के सुख -दुःख का ,
यश -अपयश का
हम हैं परेशान में
सत्य -असत्य के मनुष्य जीवन में ,
नश्वर जगत , चंचल मन , चंचल विचार
न जाने क्या बनता है, बिगड़ता है
पर वास्ताविलता के पहचान में
आरोप -प्रत्यारोप में
गलत्फह मियाँ ही ज्यादा .
भिखारी भी दुखी , बड़े पदाधिकारी भी दुखी
न चैन मन , न खामोशी मन ,
दिल है तो कर सकते हैं ,
दिल में बल है सुविचार .
सद्विचार , सत्कर्म ,सत्संग
पनपते कहाँ ?
राजनीति में सोचा नहीं .
आध्यात्मिक परिवेश में
वह भी नहीं ,
शिक्षित समुदाय में
वह भी नहीं ,
कहीं भी नहीं तो
ईश्वर सत्य को ऐसे बनाया ,
वह बीच , उसके इर्द गिर्द
घू मते हैं , भ्रष्टाचार ,मोह म मद , माया, ममता
लाल पन्नों के रूप में ,
बाह्याडम्बर के रूप में ,
निथ्यादाम्बर के रूप में ,
तस्करी के रूप में ,
फिर भी सत्य की चमक
चमकते सत्य महिमा मानते हैं सब .
यही ईश्वरीय लीला -क्रीडाएं .
ईश्वर से प्रेरणा न मिली ,
ईश्वर से संकेत न मिला
ईश्वर से ज्ञान न मिला तो
लिखूं क्या?
हर बात के मूल में
आदी मूल है तो
यह नर तन का मैं
क्या लिखूं?
कहा किसी ने करोड़ पति ,
पर वहां एक बच्चा पागल,
एक बड़े डाक्टर उनके बच्चे लंगड़ा
क्या लिखूं मैं
बगैर उसकी प्रेरणा के
वज़ह हैं अनेक
संसार के सुख -दुःख का ,
यश -अपयश का
हम हैं परेशान में
सत्य -असत्य के मनुष्य जीवन में ,
नश्वर जगत , चंचल मन , चंचल विचार
न जाने क्या बनता है, बिगड़ता है
पर वास्ताविलता के पहचान में
आरोप -प्रत्यारोप में
गलत्फह मियाँ ही ज्यादा .
भिखारी भी दुखी , बड़े पदाधिकारी भी दुखी
न चैन मन , न खामोशी मन ,
दिल है तो कर सकते हैं ,
दिल में बल है सुविचार .
सद्विचार , सत्कर्म ,सत्संग
पनपते कहाँ ?
राजनीति में सोचा नहीं .
आध्यात्मिक परिवेश में
वह भी नहीं ,
शिक्षित समुदाय में
वह भी नहीं ,
कहीं भी नहीं तो
ईश्वर सत्य को ऐसे बनाया ,
वह बीच , उसके इर्द गिर्द
घू मते हैं , भ्रष्टाचार ,मोह म मद , माया, ममता
लाल पन्नों के रूप में ,
बाह्याडम्बर के रूप में ,
निथ्यादाम्बर के रूप में ,
तस्करी के रूप में ,
फिर भी सत्य की चमक
चमकते सत्य महिमा मानते हैं सब .
यही ईश्वरीय लीला -क्रीडाएं .
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