हम हैं मनुष्य,
इश्क केलिए
जीते हैं,
इश्क के लिए मरते हैं,
इश्क के कारण जन्मलेते हैं.
इश्क के कारण परिश्रम करते हैं.
कहते हैं संन्यासी निस्पृही है
पर भगवान से प्रेम है.
बगैर इश्क के जीना
जीवन ही नहीं,
इश्क के बगैर
ईश्वर का अनुग्रह नहीं.
इश्क केलिए
जीते हैं,
इश्क के लिए मरते हैं,
इश्क के कारण जन्मलेते हैं.
इश्क के कारण परिश्रम करते हैं.
कहते हैं संन्यासी निस्पृही है
पर भगवान से प्रेम है.
बगैर इश्क के जीना
जीवन ही नहीं,
इश्क के बगैर
ईश्वर का अनुग्रह नहीं.
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