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Saturday, January 14, 2023

ईश्वर पुत्र

 सत्य का साथी हूँ,

यथार्थ वादी हूँ,

जीवन है मेरा खुदा ग्रंथ।

ईश्वर का शरणार्थी हूँ,

जिओ और जीने दो को 

अपनाता हूँ,

कुछ मिल गया तो

दोस्तों को भी मार्ग दिखाता हूँ,

कुरसी पर बैठता हूँ तो 

मैं हूँ तटस्थ।

गीता के अनुसार 

निष्काम कर्तव्य निभाता हूँ।

गीता चार्य का दास।।

नाम है मेरा अनंत कृष्णन्।।

 आशा करता हूँ

परमानंद ब्रह्मानंद से बढ़कर

 न असली आनंद।

मैं ईश्वर की तलाश नहीं करता,

मैं हूँ ईश्वर का संतान।।

भटक जाता हूं तो

जनक को ही खोजना है।

कार्तिकेय कैलाश से आये।

खोज उनकी माँ ने की।

शिव ने भक्ता के लिए

 लाठियों का मार खाया।

ऐसा भक्त बनना चाहता हूँ।

है हिंदी घृणित भाषा

वहीं जीविकोपार्जन का साधन।

प्रधान अध्यापक तक पहुंचा तो

ईश्वरीय प्रतिभा मूल।

 मैं हूं ईश्वर का पुत्र।

सदनाम या बद्नाम 

दोष नहीं मेरा,

सृजनहार  प्रभु का श्रेय

  एस.अनंतकृष्णन।

स्वरचित स्वचिंतक अनुवादक

ईश्वर पुत्र 











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