Wednesday, January 11, 2023

Hindi दिवस

 [10/01, 12:26 pm] Anandakrishnan S: विश्व हिंदी दिवस।

  हिंदी भारत की बिंदी।

   विकास कैसे?

 चमत्कार! अद्भुत!

 हिंदी विश्वप्रिय कैसे?

 ईश्वरीय देन?

 नहीं, ईश्वरीय प्रेरणा।

 देवेन मनुष्य रूपेन।

   गाँधी,वो,ग़लत  गलतफहमी होगी।

 पोरबंदर में जन्मे 

 मोहनदास करमचंद गांधी, गुजराती 

 भारतीय जनसंपर्क के लिए

 एक भाषा की आवश्यकता/जरूरत के सोच विचार।

 दूरदर्शी प्रचार का केंद्र मद्रास/चेन्नै को चुना।

 वह तो

 आँध्रप्रदेश और तमिलनाडु का

 केंद्र स्थल।

 बाद में बना तमिलनाडु की राजधानी।

 वह दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा,चेन्नै में न होता तो

 हिंदी का प्रचार कैसे?

 यहाँ सब को सोच विचार करना है?

 राजनीति  अलग जनता का दिल अलग।

 पर जनता में प्रचार करने स्थाई वेतन युक्त पूर्णकालीन हिंदी प्रचारक नहीं।

 जीविकोपार्जन  का आधार स्तम्भ नहीं।

 प्रचारक है हजारों पर 

 विश्वविद्यालय डाक्ट्रेट , हिंदी अधिकारी,हिंदी अनुवादक जैसै आर्थिक पारिश्रमिक नहीं।

 डाक्टरेट पढ़कर  ऊँचा वेतन।

पर आम लोगों में लाखों को भाषा सिखाने हजारों प्रचारक 

प्रमाण पत्र दिलानेवाले दलाल बन रहे हैं।

 गर्व है चुनाव में जीता है सांसद, विधायक।

फिर  पाँच साल तक  नदारद।

 सातवीं कक्षा में बीए स्तर की

राष्ट्रभाषा प्रवीण उपाधी।

 अठारह साल की उम्र में उपाधि पत्र।

 हिंदी ज्ञान?

 विवेकानंद ने कहा --एक युवक दो।

पर लाखों हिंदी प्रवीण उपाधी धारी।

एक पूछताछ आयोग की नियुक्ति करने पर पता चलेगा 

उपाधियांँ  ज्ञान से या भ्रष्ट से।

 विश्व हिंदी दिवस मनाना है सही,

 पर वास्तविकता जानना है!

 हिंदी के प्रचार में भ्रष्टाचार क्यों?

 आजादी के पहले की हिंदी,

आजादी के बाद की हिंदी।

 पहला निस्वार्थ,दूसरा स्वार्थ मय।

 न केंद्र सरकार का ध्यान

 न तमिलनाडु सरकार का ध्यान।

  सभा क्या करेगी?

 द्रमुक सरकार नवोदय स्कूल का विरोध।

पर द्रमुक दल के लोग खोल रहे हैं

 केन्द्रीय विद्यालय।

हिंदी प्रचार सभा में अंग्रेज़ी केंद्रीय विद्यालय।

 आठ  घंटे की पढ़ाई, हिंदी पैंतालीस मिनट।

जय हो हिंदी प्रचार। विश्व हिंदी दिवस!

 अंग्रेज़ी न तो न जीविका।

 एक शिक्षा अधिकारी आंध्रप्रदेश ने कहा --हिंदी लिपि भी न जानता

पर बन गया हिंदी अध्यापक।

 विश्व हिंदी दिवस मनाना सही है,पर

 असलियत भी खुलना है।

  ऐसे हिंदी प्रचार  प्रचार है जो

प्रमाणित करता है

जीविकोपार्जन की भाषा अंग्रेज़ी ।

हिंदी में तीस अंक काफी।

अंग्रेज़ी में चालीस अंक अनिवार्य।

 माफ़ कीजिए,

खेद है दिये तले अंधेरा।

 शताब्दी वर्ष  तमिल नाडु में

  भरे पेट केवल हिन्दी प्रचारकों को 

की केवल हिन्दी द्वारा नहीं,

 हिंदी की आमदनी  जेबखर्च के लिए।

 दस या पांच छात्र हिंदी प्राध्यापक ।

 दो लाख हिंदी छात्र, सभा की आमदनी।

पर प्रचारक !?

 सांसद विधायक जो अनुपस्थिति में भी पाते वेतन।

  वैसे ही हिन्दी परीक्षार्थी में भ्रष्टाचार।

 किसका दोष?

आज सोचिए, 

हिंदी दिवस खुशी का है?!

 एस.अनंतकृष्णन,

हिंदी विरोध के समय का तीव्र हिंदी प्रचारक।

1967 में मेरे और माँ दोनों के प्रचार में साठ छात्र वहाँ हिंदी विरोध आंदोलन में पहली बस जली। छात्रों के जुलूस में पत्थर फेंके।

 वहीं छात्र नेता मेरे हिंदी छात्र।

   किस्मत, वक्त ,शुक्रिया, इश्क ये शब्द 

 तमिलनाडु  सरकार उर्दू का समर्थन।

   चित्रपट प्रभाव।

 हिंदी जननी। उर्दू बहन।/सहोदरी।

 जय हिंदी। जय हिन्द।

[10/01, 5:36 pm] Anandakrishnan S: अद्भुत है हिंदी,

असलियत तो

चमत्कार से भरी ।।

 उर्दू ने बना लिया 

 उसको बहन।

 फिल्मि दुनिया में

  इश्क, मुहब्बत, शुक्रिया।

  ग़म, नग्मा, मिला लिया।

 कबीर के जमाने से आज तक

 खिचड़ी हिंदी,

 तुलसी की  अवधि भी हिंदी।

सूर की व्रज भी हिंदी।

 विद्यापति की मैथिली भी हिंदी।

जायसी की तत्सम  भी हिंदी।

 प्रेमचंद की उर्दू भी हिंदी।

 हिंदी बन गयी महासागर।

 विश्व का सरिताएँ सभा गयी।

 पाठशाला,मदरसा,स्कूल , विद्यालय हिंदी।

 अलेक्सांदर कैसे सिकंदर?

अरिस्टाटिल कैसे सुकरात?

 हिंदी में विश्वभाषाओं  की नदियाँ,

 वह तो मिश्रित सागर बन गयी।

अनंत सागर,ये हैं अनंतकृष्णन तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक के

 धारावाहिक विचार।

[11/01, 12:03 pm] Anandakrishnan S: हिंदी भारत की एकता की भाषा।

 संस्कृत की बेटी।

 तमिल के पंच महाकाव्य जैन ,बौद्ध धर्म की भेंट। तमिल के नीति ग्रंथ तिरुक्कुरल सहित जैन मुनियों की देन। तमिल के प्रसिद्ध 

 पंच काव्यों के नाम --

शिलप्पधिकारम् --शिल्प +अधिकार।

जीवक चिंतामणी --जी की चिंता।

कुंडल केशी-  -घुंघरेलु बाल।

मणि मेखलै 

वलैयापति।

 अनेकता,एकम,  भिन्नम् , परिवर्तन नगर, ग्राम , परिकाशम् (परिहास)

पिरकाशम् --प्रकाश।

गगनम्   -गगन।

ऐसे हजारों से अधिक शब्द आज भी तमिल में है।

 तमिलनाडु के व्यक्ति ईसाई हो या हिंदी संस्कृत के नाम ही देखने को मिलता है।

 हृदयराज। ईसाई नाम।

शैलजा,सरोजा पद्मा कमला ।

देवालय, चित्र पाठ्म पाठ।

द्रमुक दल का चिन्ह उदय सूर्य

 स्टालिन का बेटा उदय निधि।

 अलागिरी।दुर्गा।

अतः हिंदी का संबंध दैविक संबंध।

हिंदी का विकास दिन

योत्पत्ति।

 मुगलों के लिए अरबी फारसी,उर्दु 

शब्द।

हिंदुओं के ईसाइयों के लिए संस्कृत शब्दों का तत्सम,तद्भव रूप।

 हिंदी अपने आप विशाल वटवृक्ष/बरगद।   

अपने आप डेढ़ ढाई लाख खड़ी बोली से बाज़ारू हिंदी बनकर अद्भुत चमत्कार दिखा रही है।

 जय हिन्द।जय हिन्दी।

जय जवान।जय किसान।

स्वरचित स्वचिंतक तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक

एस.अनंतकृष्णन।

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