Search This Blog

Friday, January 13, 2023

अलौकिक महत्व

 नमस्ते वणक्कम्।

  लौ  किक का जमाना आ गया,

   अलो किक की दुकानें आ गयी।।

    परिवार बर्बाद लघु वर्णाक्षर में।

   अलंकृत मधु शालाएँ,

   आकर्षित शैतानें।

 लौकिक माया मोह,

  बलात्कार का मूल।

 लौकिकता माया मोह

 अस्थाई आनंद।

 स्थाई आनंद मृत्युलोक में नहीं।

पर 

अलौकिकता में अनंत आनंद।।

 परमानंद, ब्रह्मानंद।

 मन निश्चल,

 न विचारों के ज्वार भाटे।

 लौ  किक अंग्रेज़ी बंद दर्शन।।

अलौकिकता सनातन जैन बौद्ध  धर्म 

का सद् दर्शन।

 जितेन्द्रियता की सीख,

जीने देगी चैन से

दीर्घ काल, सोचो,समझो,जानो।

 अलौकिकता अपनाओ।

 भारतीय ऋषि,मुनि परंपरा की सीख।। ऊपर का चित्र  पारिजात का नहीं, खाद्य फूल। यही भ्रम जान।

स्वरचित स्वचिंतक अनुवादक तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक

एस.अनंतकृष्णन।

No comments:

Post a Comment