Friday, February 10, 2023

मेरा लक्ष्य--भ्रष्टाचार मुक्त भारत

 मेरा लक्ष्य--भ्रष्टाचार मुक्त भारत



        भारत  महान देश  है. यहाँ प्राकृतिक सम्पन्नता की कमी नहीं है .
युवा शक्ति  की कमी नहीं है; देश प्रेमी शहीदों  की कमी नहीं हैं .
पर विश्व में उसका शुभ -नाम  बदनाम हैं .

पहले  भारत को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए   प्राचीन भारत  के इतिहास दोहराना पड़ेगा
शासक के भाई या रिश्तेदार ही देश द्रोही  बन  जाने के प्रमाण  रामायण , महाभारत में
मिलते हैं. अलेक्सान्दर (सिकंदर ) की विजय केवल हाथी का  बिगड़ना नहीं ,
आम्भी का स्वार्थ. रावन  का भाई विभीषण भी न्याय के पक्ष  लेकर राम से मिल गया.
मुगलों के  आगमन , अंग्रेजों के शासन सब के मूल में स्वार्थ ही मूल में हैं .
कर्ण  से कुंती  ने  भरी दरबार में  जब अपने तीरंदाज   की कुशलता दिखाया ,न कहा कि
वह उसका पुत्र हैं. ऐसे ही इतिहास को टटोलने पर राजकुमारी के लिए लड़ना ही प्रधान रहा.  शिक्षा सबको नहीं मिली. धन मिलने पर काम खुद करना अपमान माना जाता है.
कुर्सी लाने के लिए नौकर , बेल दबाने पर आज्ञा पालन के लिए चपरासी  की प्रतीक्षा
करना ,बाह्याडम्बर   की पूजा , आदि धन तहखाने में छिपाने की प्रेरणा देते हैं ,जिसके कारण भ्रष्टाचार बढ़ रहा है.

  आधुनिक काल में सांसद या वैधानिक बनने   सैकड़ों करोड़ खर्च करते हैं.
पाँच  साल के अन्दर कई लाखों करोड़ों के अधिपति बनते हैं . यह भ्रष्टाचार
सर्वमान्य बन जाता हैं . एक केंद्र सरकार के भूतपूर्व मंत्री का कहना हैं कि
एक  सांसद   के लिए करोड़ का भ्रष्टाचार  भ्रष्टाचार ही नहीं है.


  मंदिरों में धनी का ही निकट दर्शन संभव है,
जब  भक्त मंदिर जाता है,  तब अमीरी का बाह्याडम्बर देख  एन केन प्रकारें
धन  कमाना चाहता है.  तब सेवा भाव जो मंदिर या आध्यात्मिक क्षेत्र से उत्पन्न होना है,
वहीं से धन कमाने की इच्छा शुरू होती है.

नाम मात्र के लिए समानता संविधान में हैं .  शिक्षालय  तो अमीरी के लिये अलग , गरीबों के लिए अलग. अधिक अंक लेकर गरीब कालेज कालेज भटकता हैं , कम अंक लेकर मन चाहा कालेज में प्रवेश खरीद लेते हैं . शिक्षा संस्थान में आजकल केवल पैसों की प्रधानता हैं
     
अंग्रेज़ी आये तो सब सर, राव और नौकरी के लिए अंग्रेज़ी पढने लगे .इनमें कईयों को
अच्छी  ओहदे मिले, देश  की एकता बढी;  पर भारतीय  कला,हस्तकौशल,लोकनृत्य,संस्कृति सब नदारद.
ऐसी पीढ़ी  दर पीढी    विषैली  जंतु के सामान प्रलोभन ,लालच ,स्वार्थ के कारण
भ्रष्टाचारी बढ़ ही रही हैं .

आध्यात्मिक  क्षेत्र में प्रायश्चित के नाम से भ्रष्टाचार, देवालय के जमीन हड़पने में भ्रष्टाचार,
एक ही जमीन को रिजिस्टरी दस लोगों को करना, ऐसे ही हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार.
ठेकेदार  से रिश्वत कच्ची सड़कें ,शहरों में झोंपड़ियों का बढना , चुनाव में मुफ्त की घोषणा ,वह तो सरकारी खजाने के पैसे  से.
 
ऐसे हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार .

क्या भ्रष्टाचार से मुक्त भारत संभव है ?
  यथा राजा तथा प्रजा. 
पहले चुनाव  में स्थानीय लोगों को खड़ा करना चाहिए.  सौ प्रतिशत  लोगों को वोट देना
अनिवार्य कर देना चाहिए. जो वोट ख़ास कारण के बगैर नहीं देते , उनको दंड देना चाहिए.
जो गहने, इमारत  आदि बनवाते हैं ,उनकी आय का स्रोत जानना चाहिए.
बिल्डिंग प्लान अप्रूवल   ,नल कनेकसन , बिजली  कनेक्शन  आदि  के लिए
रिश्वत लेते हैं  जिसके भागीदार  राजनैतिक भी हैं .
आज तक   भ्रष्टाचारी राजनैतिक नेताओं को न दान मिला; चुनाव लड़ने से रोका  भी नहीं .
पहले अपराधी जो भी हो सामान दंड देना चाहिए. आयकर कैदियों को विशेष सुविधा न देनी चाहिए.  मुकद्दमा का फैसला  नेता हो   या नेत्री , अभिनेता हो अमीर आश्रम वासी हो  बारह साल बीस साल तक  स्थगित  न करके , एक ही साल में दंड देना चाहिए.
हर मनुष्य को सत्यवान , कर्तव्य परायण , ईमानदार होना चाहिए.
क्या ऐसी संभावना ? तटस्थ   जिलादेश का तबादला हो जाता है.

  भ्रष्टाचार दूर करने शिक्षा विभाग , न्यायालय , पुलिस विभाग  को स्वछता से परिवर्तित करना  है.  धार्मिक  शिक्षा   देनी चाहिए. शिक्षा में अनुशासन को प्राथमिकता देनी चाहिए.

  चित्रपट, दूरदर्शन  के नाटक आदि में  पुलिस और अधिकारियों से बदमाश को श्रेष्ठ दिखाना बंद कर देना चाहिए. सरकार के  दंड न देने  पर  , क़ानून  के चंगुल से बचने पर भी ईश्वरीय  दंड  से बचना असंभव है.  जन्म -जीवन -मृत्यु से  भ्रष्टाचार के पैसे न बचायेंगे.
अधिकार बल से मृत्यु से बचना असंभव  है.

भ्रष्टाचार  एक ऐसा संक्रामक  रोग  है, वह देश को सर्वनाश कर देगा.
झील में इमारत, पहाड़ों पर  इमारत , पेड़ों का नाश  न  जाने  भ्रष्टाचार  के कई कारणों को
बताकर  देश को भावी पीढी के लिए  बचाने भारत को भ्रष्टाचार  मुक्त भारत  बनाने की आवश्यकता  कठोर कार्रवाई   और दंड विधान से ही संभव  है.

अत्याचार चरम सीमा पर पहुंचेगा तो ईश्वर एक ऐसे शक्तिशाली नेता को भेजेंगे , भारत फिर स्वर्ग बन जाएगा.

भ्रष्टाचार राजनैतिक ,व्यापारी . रईस ,कारखाने के मालिक , चिकित्सा   आदि  स्वार्थियों  के कारण    रिश्वत  बढ़  रहा  है.  पहले मतदाताओं    के  मन में सुधार लाना हैं .  चुनाव में खर्च करने को बिलकुल बंद  कर देना चाहिए. अपराधियों को चुनाव लड्नेकी अनुमति न देनी चाहिए. कालाबाजारी  को रोकना चाहिए.  आध्यात्मिक क्षेत्र के ठगों को , घटिया माल बेचनेवालों  को अनुमति न देनी चाहिए.


थोड़े में कहें तो भ्रष्टाचारी उन्मूलन  अति दुर्गम है; बिना हर व्यक्ति के सुधारे बिना .
देश-भक्ति के महत्त्व , और  शहीदों के त्याग को महसूस कराना, मन में अनासक्त भाव
जगाना ही भ्रष्टाचार  उन्मूलन  में संभावना होगी.


  मेडिकल कालेज , इंजनीयरिंग कालेज  में अधिक रिश्वत का बोलबाला है.
हर राजनैतिक  नेता  एक एक शिक्षा संस्थान  चलाकर मनमाना लूटते हैं .
भ्रष्टाचार के मामले में वे किसी से कम  नहीं  हैं.  ऐसे नेताओं  के रहते भ्रष्टाचार  का  उन्मूलन करने लोह पुरुष  की ज़रुरत है.
मंदिर के प्रवेश से लेकर  रेल टिकट तक के भ्रष्टाचार, एल.के.जी एडमिशन   के  लिए एक लाख से दस लाख तक  ऐसे रिश्वत से पले युवा पीढी अब मन में अधिक दुखित  है.
शिक्षा  क्षेत्र से  ,मंदिर से  ,शासकों से अधिकारियों से यह भ्रष्टाचार उन्मूलन की कार्रवाई लेनी चाहिए .
  शिक्षा अधिकारियों को पाठ्य क्रम में  देशभक्ति , संयम , त्याग ,न्याय -नीति शास्त्र  ,योगा  आदि जोड़ना चाहिए.   सरकारी कार्यालयों  में कठोर निगरानी  रखनी चाहिए. कदम -कदम  पर फूँक -फूँककर  चलना है. न्याय  का  तटस्थ रूप  सामने आना चाहिए.

स्कूल  से ही तकनीकी  शिक्षा देकर  आत्मनिर्भरता  की सीख चाहिए.
सभी को पढाई के बाद कोई न कोई धंधा कर धनोर्पाजन  में लगने  की शक्ति हो तो
भ्रष्टाचारी कम होगी.


  तभी भारत  भ्रष्टाचर मुक्त भारत होगा.

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