Saturday, February 25, 2023

विषय == आधुनिकता वरदान है या अभिशाप.

 एस.अनंतकृष्णन ,चेन्नै का नमस्कार ,भारतीय साहित्य मंच के संचालक,समन्वयक,संयोजकों को।

विषय == आधुनिकता वरदान है या अभिशाप.
विधा -----लेख
इस शीर्षक पर विचार् विमर्श करने पर सरसरी नजर में वरदान सा ही लगता है ।भारतीय दृष्टिकोण में अभिशाप -सा ही लगता है। शिक्षा,अनुशासन,खान -पान ,पोशाक, न्याय व्यवस्था,आविष्कार सब में अभिशापह है या वरदान ?देखेंगे,हर एक विषय पर ।
शिक्षा-- परंपरागत व्वयसायिक शिक्षा नीति में आमूल परिवर्तन आ गया है।
सबको समान मौका । इसमें छात्रों की रुचि और बदधि लब्धि पर ध्यान नहीं दे रहे हैंं। अभिभावक या नाते-रिश्तों की दिलचस्पी प्रधान है. शिक्षा कामाध्यम अंग्रेजी,जो जीविकोपार्जन की भाषा बन गयी । जिनके माता-पिता अंग्रेजी नहीं जानते उनको अधिक खर्च करना पडता है । सरकारी स्कूलों कोभेजना नहीं चाहते. तमिलनाडू जैसे प्रांतीय मोह राष्ट्रीय शिक्षा के विरोध करते हैं। कितने राजनैतिक दल के नेता है सबका एकएक मेडिकल या इंजनियरिंग कालेज.इनमें मेनेजमेंट कोटा ,खोटा . यह एक नवीन आधुनिकक भ्रष्टचार एक अभिशाप है।
खान-पानन में पाश्चात्य भारतीय जलवायु के अनुकूल नहीं है ।आधुनिक शिक्षा बच्चों को
खेलने आजाद नहीं देता.कोच का बेगारर न जते हैं. प्रतिभाशाली छात्र। विदेश के मोह में.
अनुशासन --- स्नातक स्नातकोत्तर संख्याएँ बढ रही हैं, पर वस्त्र अधखुले अंग दिखा रहा है, अनुशासन की कमी,परिणाम तलाक के मुकद्दमे बढ रहे हैं. जितेंद्रियता कम होने से नपुंशकता बढ रही है. अशलील नील चित्रपट शुक्लपतन,पुरुष तीस साल में ही कमजोर. इनफेर्टलिटी केंद्र बढ रहे हैं.
नयेनये आविष्कार हर साल माडल बदलना महँगाई के कारण है. पुलिस,न्यायालय अमीररों और
शासकों कीकठपुतलियाँ हैं। चुनाव जीतने ययोगयता करेडपति बनना।
एक ओर आधुनिकता दिखावे और बाह्यडंबर पर जोर देता है । नैतिक पतन के कारण
आधुनिकता अभिशाप ही के लक्षण है.
स्वरचित,स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन् चेन्नै, तमिलनाडु  

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