Friday, February 10, 2023

भारतीय एकता

    

वि षय ---

 

भारतीय भाषाओं में एकता की भावना।


भारत अत्यतं प्राचीनतम देश है। आ सेतु हिमाचल की एकता भी अति प्राचीन है।

 श्रीरामधारी सिहं दिनकर ने अपने निबधं मेंलिखा है कि भारत की विविधताएँ प्रत्यक्ष है। प्रकृति की नदियाँ, पहाड,जंगल ,भाषा,खुराक ,पोशाक, जलवायु आदि प्रत्यक्ष दीख पड़तेहैं। तमिल भाषा के महाकवि राष्ट्र कवि सब्रुह्मण्य भारती ने कहा कि "  मुप्पदु कोडी मकुमडुयाळ्

चिंतनै  ओन्रडुयै  याळ"अर्थात तीस करोड़ चेहरे के भारतवासी हैं,पर एक ही चिंतन है। भारतीय एकता पर ध्यान देते समय निम्न शीर्षक मेरे मन मेंआते हैं।

१. आध्यात्मिक एकता

२.स्वतंत्रता संग्राम 

३. दर्र्शनीय स्थल

आध्यात्मिक एकता :--
  

अखडं भारत में  भक्ति की धारा बहती है। उत्तर भारत में कहा करतेहैं--"भक्ति द्राविड़ उपजी" | केरल के आदी शकंराचार्य  और मडंन मिश्र के वाद विवाद प्रसिद्ध है। उत्तर के विद्वान दक्षिण  आते थे । तमिल का व्याकरण अगस्त्य ने  लिखा है। उत्तर सेभगवान कार्तिकेय दक्षिण आये। उनपर अव्वैयार ने गीत गाये। रामायण, महाभारत, नल दमयन्ती , हरिश्चद्रं आदि के नाटक    

 आ सेतु  हिमाचल प्रसिद्ध है। सभी भारतीय भाषाओं में भगवान शिव, राम,कृष्ण के योगदान मिलतेहैं। मुर्गा भगवान का है। उन्हें मुरुगा कहतेहैं। तमिल में" मुरुगा  को  सुंदर  कहतेहैं।

सुंदर  होने  से मरुुगा, मर्गेु र्के ध्वजा के कारण मरुुगा ऐसी आध्यात्मिक एकता है। हनुमान  चालीसा की गँजू उत्तर से कुमरी अन्तरीप तक उठती है। राम और पांडव वनवास के समय भारत भर भटकतेरहे। उनकी यादगार सर्वत्रर्व मि लती है।

जनै तीर्थंकर्थं र अपनेसि द्धांतों के द्वारा लोगों को समु ार्ग दि खानेआये। तमि ल के अनेक नीति ग्रंथों  के कवि जनै मुनि हैं।

तिरुवल्लवुर रचित तिरुक्कुरल, नालडियार त्रिकटुकम,चिरुपंच मूलम आदि ।

तमिल के प्रसिद्ध पचं महाकाव्यों के नाम संस्कृत में  हैं --- उन में बौद्ध और जैन के काव्य हैं। जीवक चिंतामणी, मणिमेखलै 

कंुडलकेशी वलयै ापति शि लप्पधि कारम सस्ं कृत के हैं। भारतीय भाषाओंमेंसस्ं कृत के तत्सम ,तद्भव शब्द आज भी चालू

है।जन्म, दि न, मरण, शव, वर्ष ,मास, वार , परि वर्तनर्त , नि र्वा ह,शाला,आलय,मत्रं , मत्रं ी, श्मशान पर्वतर्व , चल जसै ेशब्द प्रचलि त

हैं। जब तक भारत मेंसस्ं कृत भाषा का सपं र्क रहा, लोगों मेंन्याय,अन्याय का भय था।ऋष्यश्रगंृ की कहानी द्वारा ब्रह्मचर्य की

महीमा सि खाई गयी। वसधु वै कुटुंबकम,्सर्वे जना सखिुखिनो भवन्त,ुजय जगत आदि नारा भारत की सभी भाषाओंमेंअनदिूदित हैं।

स्वतंत्रता सग्रं ाम

स्वतंत्रता सग्रं ाम का नारा "भारत छोड़ो, वदं ेमातरम, इन्कलाब जि दं ाबाद , स्वतंत्रता जन्म सि द्ध अधि कार आदि भी भारतीय

भाषाओंको स्वतंत्रता संग्राम की देन है। सुभाषष चद्रं बोस, बालगगंगाधर तिलक, लाला लजपति राय, विपिनचद्रं पाल, मोहनदास

करमचदं गांधी,पं. जवहरलाल नेहरू, राजगोपालाचारी,कामराज, आदि सभी नेता भारत भर आदरणीय है। उत्तर दक्षिण भेद

भाव के बिना उनकी कथाएँबता रही हैं।चित्रपट के गायक गायिका लता मंगेश्कर, आशा भोंसले, महुम्मदराफी,एल.आर .ईश्वरी आरडी बर्मनर्म अभिनेता, अभिनेत्री अपने स्वर,संगीत,अभिनय द्वारा एकता के प्रतीक बन गयेहैं। आचार्य विनोबा

भावे भूदान यज्ञ के द्वारा हिन्दी की गूँज भारत के हर गाँव, शहर में उठी।

महात्मा करमचदं गाँधी की दूर्दर्शी के कारण हिंदी  प्रचार में ज़ोर मिला। साहित्य का आदान प्रदान होने लगा।

चद्रं शखेर आजाद, सुखदेव, भगतसिंह,वांचीनाथ, तिरुप्पूर कुमरन आदि देश भक्त भारतीय एकता के ज्योति स्तभं हैं ।

पूरे देश मेंआज गूँज रहा है--सारे जहां सेअच्छा हिंदुस्तान हमारा हमारा। भारतीयार के स्वर में "पारुक्कुळ्ळे नल्लनाडु। भारत नाडु।

जय भारत।जय भारत की एकता,


एस.अनतं कृष्णन ,चेन्नै तमिलनाडु। के हिंदी प्रेमी प्रचारक।


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