Tuesday, December 24, 2024

मधुर वचन

 नमस्ते वणक्कम्।

 मधुर मधुर कुछ बोल।

 मधुर वचन है औषधी,

 कठोर वचन है तीर।

 जिह्वा बड़ा बावरी

 कह गयी स्वर्ग पाताल।

 परिणाम  तो बुरा।

 संसार अजब बाज़ार,

  जिसकी लाठी उसकी भैंस।

  मधुर वचन से   आनंद गौरव।

   भृगु मुनि ने लात मारी,

   विष्णु भगवान मुस्खकुरिये

   मधुर वचन बोले,

   विष्णु भगवान का गौरव बढ़ा।।

 बुद्धि भगवान को अमीर ने गालियाँ दीं।

 बुद्धि मौन रहे, कहा--

 तुम दान देते हो,

मैं न लूं तो

 दान वस्तु तेरी रहेगी।

 वैसे ही तैरी गालियाँ।

 मधुर वचन में 

 संसार वश।

 कठोर वचन से दुश्मनी अधिक।

  एस.आनंतकृष्णन, चेन्नई

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