Saturday, December 28, 2024

बचपन

 नमस्कार। वणक्कम।

29-12-2020

बचपन शीर्षक।


सब बचपन का 

यशोगान ही करते हैं।

मैं अपने बचपन की नहीं,

फुटपाथ के बच्चों की

बात करता हूँ,

जिनके वोट से सांसद विधायक।।

35%से40% वोट नहीं देते।

वे हैं अमीर स्नातक स्नातकोत्तर।।

अंग्रेज़ चले गए, अंग्रेज़ी नहीं गई।।

 नेता में अधिकांश आजादी के समय

 विदेशी   वकील अंग्रेज़ी पारंगत।।

भारतीय भाषाओं को 

नालायक ही मानते।

कई करोड़ रुपए,

हिंदी के विकास में,

प्रांतीय भाषाओं के विकास में।

 शिक्षा अधिकारी , राजनीतिज्ञ

 अंग्रेज़ी स्कूल धन लूटने खोलने तैयार।।

 बचपन में तीन साल के बच्चे को

मातृभाषा भूलने  -भुलाने 

नेताओं द्वारा अंग्रैजी स्कूल।।

 बचपन में ही मातृभाषा महत्वहीन।।

यही है गरीब बच्चों की दयनीय दशा।

 भारत के विरुद्ध शिक्षा नीति।।

 बचपन में ही शुरू आत।।

स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।

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