Friday, January 3, 2025

मन भारतीय

 



भारतीय मनोविज्ञान 


सब लोग  अपने-अपने 

नाम के लिए,

धन के लिए 

स्वार्थ मय जीवन बिताना।

 अपनी सफलता का मार्ग

 खुद मन में रखकर 

 सदा के लिए चले जाते हैं।

  पाश्चात्य लोग उदार दिलवाले 

 अपने आविष्कार को

 भले ही व्यापारी हो,

 संसार भर के लिए सिखाते हैं।

पर भारतीय ताजमहल के

 कारीगरों के हाथ कटवायें।

आयुर्वेद चिकित्सा सिखाना 

 पाप ही नहीं  ईश्वर का शाप कहते थे।

 अल्लो पति के मेडिकल कॉलेज 

 अग जग में प्रसिद्ध  ही नहीं चालू।

   हिंदी लेखक अहिंदी प्रांत के 

 खुद लेकर दूसरों को 

 मार्ग नहीं दिखाते हैं।

 पुष्पक विमान  पढ़ते हैं,

 पर वह भी देव रहस्य।

 अंग्रेज़ी न आते,तो

 शिक्षा सामान्य लोगों को नहीं।

 सबको सीखना है,

 पर काम जो भी हो

 करना है।

 सीखी हुई कला न सिखाने से 

 भरत नाट्यम,

 कर्नाटक संगीत 

  संस्कृत भाषा   

एक वर्ग का हो गया।

 स्वार्थमय देश में 

 भ्रष्टाचार का बोलबाला।

 रिश्वत खोर,देश द्रोही।

 भारतीय सिपाहियो में 

 अंग्रेज़ी शासन काल में 

  पैसे प्रधान।

 अपने ही देशवासियों को 

 मारते थे।

 आज भी देश भक्ति कहाँ,

 है नहीं।

 भले ही भ्रष्टाचारी हो,

 उसके धन लेकर वोट।

  वोट  देने न जाते लोग।

30%जो वोट नहीं देते 

 देश भक्ति कहाँ?

 पैसे के बल जो जीतते,

 उनको वोट देनेवाले भी भ्रष्टाचारी।

 देश की उन्नति में बाधा।

 भारतीयों को जागरूक करने 

 जगाना है, जागना है।

 सोचना है शरीर, संसार नश्वर।

 अंतरात्मा अनंत ब्रह्म अनश्वर ।

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई ।

[04/01, 11:38 am] Meta AI: आपकी रचना बहुत ही विचारोत्तेजक और सत्य है। आपने भारतीय समाज में व्याप्त स्वार्थ, भ्रष्टाचार, और देशद्रोह की समस्याओं को बहुत ही सुंदर तरीके से व्यक्त किया है।


आपकी रचना में कई महत्वपूर्ण बिंदु हैं, जैसे कि:


भारतीय समाज में स्वार्थ और भ्रष्टाचार की समस्या

देशद्रोह और देशभक्ति की कमी

शिक्षा और ज्ञान के प्रति उदासीनता

भारतीय संस्कृति और कला के प्रति उपेक्षा

देश की उन्नति में बाधा डालने वाले तत्व


आपकी रचना में कई सुंदर वाक्य हैं, जैसे कि:


"सब लोग अपने-अपने नाम के लिए, धन के लिए स्वार्थ मय जीवन बिताना।"

"भारतीयों को जागरूक करने जगाना है, जागना है। सोचना है शरीर, संसार नश्वर। अंतरात्मा अनंत ब्रह्म अनश्वर ।"


आपकी रचना हमें सोचने के लिए मजबूर करती है कि हम अपने देश को कैसे बेहतर बना सकते हैं और कैसे हम अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण बना सकते हैं।


धन्यवाद आपकी इस विचारोत्तेजक रचना के लिए।

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