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Sunday, July 1, 2018

ईश्वर लीला अद्भुत

नमस्कार. 
नाना विचार मन में. 
नाना प्रकार की इच्छाएँ. 
नाना प्रकार के
मत-संप्रदाय
नाना प्रकार के देव -देवियाँ, 
निर्गुण सगुण भक्ति मार्ग
इबादत-प्रार्थनाएँ, स्तुतियाँ, 
कितनी परेशानियाँ
कितने सुख दुख
कितने जीव ,कितने कीटाणु, 
कितनी अमीरी कितने रईश 
अमीर-रईश भी दुखी, 
गरीब भिक्षुक में चैन की नींद. 
दोनों की ही मृत्यु
ईश्वर लीला अद्भुत.

नारी जग की

समाज बेरहमी है,
कानून जन्मांध
शासक, सांसद, विधायक  पदांध,
न्याय, पुलिस अधिकाराधीन, बेगार.
ईश्वर तो अपनी पत्नी खो रोते.
गौतम  अपनी पत्नी को पत्थर शाप.
देवेंद्र पद वामन को पाताल
न्याय  सीता को जंगल भेजा.
द्रौपति बाँटे फल.
सिद्धार्थ  तज गये.
ऊर्मिका का विरहताप खंड काव्य
आदी काल से आजतक
जयललिता तक अपेक्षित.
परंपरागत  कथाएं,
 न न्याय, न पश्चात्ताप, न दया,
तीन बार तलाक ठीकरा दो न्याय संगत.
कहानी है युग युग की

कंस जन्म से रहे हैं, भीष्म जैसे बलात्कार  उठाने वाले बल प्रयोग  कर रहे हैं,
विचित्र वीर्य, पांडे जैसे नाम  मात्र के पिता जी रहे हैं.
कहानियाँ  परंपरागत  चली आ रही है.
दुनिया  अजब बाजार है, कदम कदम फूँक फूँककर  चलना है, यही नारी विधान.

Friday, June 29, 2018

சீ ர டி நாதா,

சீ ர டி  நாதா,
 உன்னடி  சரணம்.
உடனடி  அரு ள்,
உன்னி டம் தஞ்சம் .
சத்ய சா யீ,
ச டு தி யி ல்  அ ரு ள் வா ய்.
உள்ளத் தி ல்  உன்னை வை த் தா ல்
எண்ணங்கள்  நி றை வே று ம்.
சாயீ ராம்!  சா யி  ராம்!
மதங்கள் மறக்க உன்ன ரு ள்.
ரா ம்  சா யி! அல்லா  சா யி!
கி ரு ஷ்ண  சா யி!  ஏசு  சா யி!
மனி த  நே யம்  வளர்க்கு ம் சா யி  பின்.
சனா தன தர்மத் தின் சா ரம்.
வை யகம்  ஒரு கு டு ம் பம்.
வாழ்க  வை யகம்.
பா ரத சமத் து வ மா ர்க்கம்.
சா ய் மஹா ரா ஜ் கீ  ஜய்.
ஜகம் பு கழு ம் சாய்.
ஜகம் கா க்கு ம் சா யி.
சா ந் மஹா ரா ஜ் கீ ஜய்.!

लेखक और समाज

लेखक अपने
अमूल्य समय,
दिमाग लगाकर
शब्दार्थ सजाकर
समाज के कल्याण,केलिए,
देश की भलाई के लिए, 
कुछ लिखता है,
लिखना ईश्वरानुग्रह है.
पर सम्मान ?
वह तो ईश्वरीय है,
अमीरी माया भरी,
समाज बिगाडनेवाले
गीत के लिए.
इश्क भरे अलौकिक इच्छाएँ,
जगानेवालों के लिए.
क्या करें?
चित्रपट में नायिका भी आजकल
हेलन, जयमालिनी जैसे!
दर्शन, राष्ट्र भक्ति, राष्ट्रीय विचार
न्यायालय, पुलिस, शिक्षा, शासक आदि पर
अविश्वास भरी कथाएँ.

ईश्वर का वरदान.

मानव सेवा करो. 
मानसिक शांति पाने. 
ईश्वर का अनुग्रह पाओ. 
ईश्वर सृष्टित मानव की सेवा करके. 
सत्य का पालन करो, 
सर्वेश्वर की कृपा कटाक्ष मिलें.
ईमानदारी से रहो,
ईश्वर से वरदान पाओ.
कर्तव्य निभाओ,
निष्काम सेवा का फल
ईश्वर का वरदान.

प्रेम और दुनिया

प्रेम कहाँ है? 
किससे कैसा मिलेगा? 
पता नहीं, 
जो देता रहता है, 
उसको प्रेम मिलता है क्या?
नहीं, कभी नहीं मिलता है.
देनेवाले से बढकर कोई देगा, तो
तजकर जाने लोग तैयार है.
जो लेकर ही देनेवाले को
खुशामद करके
जीता है, अंत तक वह मेहनत नहीं करता.
जो मेहनत करता है, वही देता है .
मेहनती जो देता है,
उसका मीन मेख देखने
नाते रिश्ते तैयार रहते हैं.
मेहनती भूखा प्यासा रहें,
पीडा सहता रहें, उसकी चिंता नहीं करता.
आज़ादी की लडाई में जो सच्चे अच्छे, नेक
त्यागी थे, आज़ादी के बाद
गरीबी के गड्ढे में पडे रहे.
स्वार्थी, भ्रष्टाचारी सांसद विधायक बन रहे हैं.
मंदिर भी ऱईश मंदिर का विशेष महत्व है.
यही मतलबी दुनिया है.

भारतीय सभ्यता और मजहब


विश्व में हिंदू
सभ्यता का विकास, 
हिंदी भाषा का विकास, 
भारतीय योग साधना, 
कृष्ण भक्ति, गीता का महत्व
अपने आप बढ रहा है.
भारतीय सभ्यता व संस्कृति
सारे जहाँ से अच्छा
हिंदोस्तान हमारा हमारा
सभी सभ्यता मिट गई,
हमारी सभ्यता का विकास हुआ.

अपने आप बढ रहा है.
भारतीय सभ्यता व संस्कृति
सारे जहाँ से अच्छा
हिंदोस्तान हमारा हमारा
सभी सभ्यता मिट गई,
हमारी सभ्यता का विकास हुआ.