शब्दों के पंख
एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई
+++++++++++++++
शब्दों के पंख,
वह स्वतंत्रता से निकलता है।
एक शब्द मधुर,
शांति की स्थापना।
दूसरा है कठिन
हिंसा के बीज।
बुद्ध, नानक, शंकराचार्य के वचन मार्गदर्शक।
आतंकवाद के वचन
हिंसा अशांति।
आदर्श नेता के शब्द
देश की भलाई।
लालबहादुर शास्त्री के वचन,
जय जवान, जय किसान,
अति अनुकरणीय।
शब्द जो निकलते हैं,
वह एक शक्ति देता है।
जय हिन्द का नारा,
इनकलाब जिंदाबाद
शब्द के पंख स्वतंत्र से
उड़ते हैं, हर मानव के मन में नयी स्फूर्ति,नया तेज, नयी ऊर्जा ,नये ज्ञान
कर्म की ओर प्रेरणा,
देश प्रेम में जागरण।
आध्यात्मिक लगन।
जय जगत, जगत मिथ्या,
ब्रह्म सत्यं,
सत्यमेव जयते।
ये शब्द के पंख न तो
मानव जीवन निरर्थक।
सार्थक जीवन शब्दों के पंख।
मानव में मानवता लाती!
एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई, तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।
शब्दों के पंख
एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई
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शब्दों के पंख,
वह स्वतंत्रता से निकलता है।
एक शब्द मधुर,
शांति की स्थापना।
दूसरा है कठिन
हिंसा के बीज।
बुद्ध, नानक, शंकराचार्य के वचन मार्गदर्शक।
आतंकवाद के वचन
हिंसा अशांति।
आदर्श नेता के शब्द
देश की भलाई।
लालबहादुर शास्त्री के वचन,
जय जवान, जय किसान,
अति अनुकरणीय।
शब्द जो निकलते हैं,
वह एक शक्ति देता है।
जय हिन्द का नारा,
इनकलाब जिंदाबाद
शब्द के पंख स्वतंत्र से
उड़ते हैं, हर मानव के मन में नयी स्फूर्ति,नया तेज, नयी ऊर्जा ,नये ज्ञान
कर्म की ओर प्रेरणा,
देश प्रेम में जागरण।
आध्यात्मिक लगन।
जय जगत, जगत मिथ्या,
ब्रह्म सत्यं,
सत्यमेव जयते।
ये शब्द के पंख न तो
मानव जीवन निरर्थक।
सार्थक जीवन शब्दों के पंख
मानव में मानवता लाती!
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