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Sunday, November 16, 2025

परिवार कुटुंब आधुनिकता

 परिवार का महत्व

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ऍस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

17-11-25

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परिवार  खून से संबंधित 

 माता-पिता, दादा-दादी,

 परिवार एकैल परिवार 

 संयुक्त परिवार,

 विस्तारित परिवार।

परिवार के सदस्य एक दूसरे  को अधिक चाहते थे।

 आजकल तो संयुक्त परिवार कम हो रहा है।

 पाश्चात्य संस्कृति और अंग्रेज़ी शिक्षा के प्रभाव।

 परिवार माने माता-पिता बच्चे।

 इतिहास और पौराणिक कथाओं से संयुक्त परिवार 

 में एकता नहीं रही।

 रामायण में तीन पत्नियों के महाराजा दशरथ दुखी थे।

राम को वनवास जाना पड़ा।

महाभारत की कथा अलग-अलग।

 कौरव और पांडवों में 

एकता नहीं ,

  ध्रुव की कहानी में 

 सौतेले माँ के ईर्ष्या दाह।

आधुनिक काल में 

 सहनशीलता कम।

 एक कमाता,

 दुख सुख सहकर 

 आज्ञाकारी पुत्र पुत्री के रूप  में रहते थे।

 पारिवारिक परंपरागत 

  धंधा करते थे।

 आजकल की शिक्षा,

 सब को अपने गाँव शहर 

 जोड़ने को विवश करती है।

 विदेशी नौकरी संयुक्त परिवार की व्यवस्था को

 समूल नष्ट कर रही है।

 विदेशी नौकरी ही नहीं,

 प्रांत  छोड़कर अन्य प्रांतों की नौकरी 

अपने गाँव छोड़कर सुदूर 

 शहर में नौकरी,

 संयुक्त परिवार रह नहीं सकता।

 बड़े भाई उच्च पद पर

 छोटे भाई निम्न पद पर।

शादी होने के बाद 

 हीनता-ग्रंथि ,

 परिणाम माता-पिता 

 वृद्धाश्रम में।

 आधुनिक व्यवस्था में 

 इंदिरा गांधी जी  पति से अलग रही।

 मोदीजी पत्नी से अलग

 अंतर्जातीय विवाह,

 अंतर्राष्ट्रीय विवाह,

 परिवार कहाँ?

  तलाक शादी।

 माता-पिता  की बात न मानना,

 आजकल तो परिवार परिवार नहीं,युद्ध क्षेत्र।

 कारण आय।

 नये नये आविष्कार।

 नयी नयी माँगें

 अब एकैल परिवार ही शांति।

 संयुक्त परिवार में 

 दस सदस्य हैं तो 

 एक समान खाना,कपड़ा, 

 घर की सुविधाएँ।

 छिपकर बढ़िया खाना।

  हर सदस्य  की अपनी इच्छा, महँगी कपड़ा पहनना, वाहन खरीदना 

 हर बात पर चर्चा।

 राम को वनवास करना पड़ा।

 कृष्ण को नंद के परिवार में पलना पड़ा।

 अपनी मृत्यु के भय से

 बहन बहनोई को जेल में डालना,

 परिवार का विस्तृत रूप

 कुटुंब , वसुधैव कुटुंबकम्।

इसमें खून का रिश्ता नहीं,

 मानवता और भ्रातृ भावना।

 परिवार में अशांति ही शांति।। शांति भंग बुद्धि लब्धि के कारण।

 अतः परिवार के भाई भाई का संबंध  , त्याग, 

आजकल नहीं के बराबर।

 एकैल परिवार ही शांति।

वह भी प्रेम विवाह,

एक पुत्री प्यार के चंगुल में 

 माता-पिता दुखी।

 अर्थ प्रधान जग में 

 पारिवारिक जीवन अनर्थ प्रधान।

 


 




 


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