अमृत।
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एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना
21-11-2025
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अमृत संदर्भ के अनुसार
अमृत का प्रयोग।
जो अति स्वादिष्ट,
अति दूर्लभ,
देवामृत
अमृत स्वरूप
पवनी क्षे तो क्षेत्र में
पंचामृत,
केला, शक्कर, मिस्री,शहद, इलायची
मिलाकर देव प्रसाद।
प्रवचन के भावामृत,
मंदिर का प्रसाद अमृत।
गुरु के उपदेश अमृत,
दादा के लिए दादी का
काफ़ी अमृत।
शिशु के लिए
माँ का स्तन्य दूध अमृत।
प्रेमी के लिए प्रेमिका का चुंबन अमृत।
पिता के लिए माँ की चटनी अमृत।
दर्शनामृत,
अमरता देने अमृत ।
गानामृत,
देव असुर के मंथन में
मिले अमृत।
अमृत बराबर अमृत।
दोस्ती अमृत ,
गो रस अमृत।।
अमृतोपम अमृत भाषण।
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