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Friday, November 7, 2025

तनाव

            कार्य तनाव 

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एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

8-11-25

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 मानव मन में तनाव 

 जाने अनजाने में होता है।

 जो भी कार्य करते हैं,

उसमें कोई विघ्न होने पर

 घाटा होने पर,

 विरोध होने पर,

 आगे का रास्ता दिखाई न पड़ने पर, 

कोई उपाय न सूझने पर,

 माता-पिता, पति पत्नी के कारण,

 आजकल शिक्षित समाज में,

 सहनशीलता 

के अभाव के कारण,

 पारिवारिक जीवन में तनाव।

 अर्थ प्रधान संसार में 

 मानवता अर्थहीन हो जाता हैं।

 परिणाम कार्यों में तनाव।

अहंकार, ईर्ष्या,प्रतिशोध,

 भय, शोक, ठगे जाना 

 कार्यों में तनाव ही तनाव।

 स्वार्थता, पक्षपात, रिश्वतखोरी आदि तनाव ।

धनी निर्धनी  के तनाव।

कुपूत के कारण तनाव।

परीक्षा तनाव, अंक तनाव

बुद्धि  लब्धि का तनाव,

 सूचित अनुसूचित जातियों की प्राथमिकता,

 अंक और उम्र में छूट।

  नौकरी में तनाव।

 सीनियर के रहते ,

 जूनियर की तरक्की।

 कार्य क्षेत्र में तनाव,

 पारिवारिक जीवन में तनाव।

 पाश्चात्य प्रभाव।

 परिणाम तलाक मुकद्दमा संख्या भारतीय 

संस्कृति  का पतन।

 ईश्वर का भय कम।

 संसार नश्वर है को 

भूल जाते मनुष्य।

 परिणाम जीवन के हर कार्य में तनाव ही तनाव।


एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।

 

 


 


 



 

 




 

 

 



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