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Saturday, November 22, 2025

मन

 मन की उड़ान।

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एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना 

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23-11-25

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मनसूबे बाँधना,

सफलता का मार्ग।

 जिज्ञासु मानव

 धन हो या न हो

 राजमहल बनवाने की चाह हवामहल 

 मन की उड़ान।

 गौरीशंकर की चोटी पर

 पहुँचने के सोच विचार।

 धन न हो या न हो

 दुनिया की सैर की कल्पना। 

 मन की उड़ान में 

 गोताखोर बनने की कल्पना,

चित्रपट देखते देखते 

नायक नायिका बनकर

 नाचने गाने की कल्पना।

अलाउद्दीन अद्भुत दिया 

 पाकर  मनमाना करने

 मनोवांछित वस्तुएं

 प्राप्त करने मन की उड़ान।

 लता मंगेशकर,

 मुहम्मद रफ़ी,

 एस. पी।बी जैसै

विश्वप्रसिद्ध गायक बनने की मनोकामना।

भगवान के नाम जपकर 

 सूर तूलसी जैसै

महाकाव्य रचने

 मन की उड़ान।

कल्पना के घोड़े

 दौड़ाने,

दुर्लभ कार्य करने,

प्रधान मंत्री बनकर 

 देश की प्रगति करने,

 न्यायधीश बन कर

 सही न्याय देने

 मन की उड़ान।

  बड़े बड़े कारखाने खोलने,

 विश्व के अमीरों की सूची में 

अव्वल आने 

 मन की उड़ान।

 मनकी उड़ान न तो

 न आविष्कार 

 न इलाज की क्रांति 

 न संगणिन

 न विमान 

 न साहित्य।

न उपनिषद वेद 

न कुरान, न बाइबिल।

न गगनचुंबी इमारतें।

 न कृषी क्रांति।

 मन की उड़ान 

 सकारात्मक और नकारात्मक।

 मन की उड़ान में 

 मानवता का विकास।

 दानवता का नाश।

 मानवता के विकास में 

अहिंसा, शांति, समरसता 

 वसुधैव कुटुंबकम् के विचार।

 मन की उड़ान न तो

 मानव पशु बराबर।

 


 







 

 



 



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