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Sunday, November 23, 2025

आस्तीन के साँप

आस्तीन के खंजर।
एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई।
24-11-25
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भारत भूमि 
वीरों की भूमि।
 वेद उपनिषद की ज्ञान भूमि।
फिर भी विदेशों के शासन।
मुट्ठी भर के अंग्रेज़ी 
 देश के शासक बने।
 सिकंदर की चढ़ाई में 
 राजा पुरुषोत्तम का पराजय।।
  भक्ति के क्षेत्र में बाहृयाडंबर।
 मधुर प्रवचन,
 आदर्श प्रवचन।
बाह्याडंबर के आश्रम।
आस्तीन के खंजर।
 आस्था राम पर,
 आशा राम पर
 पर होते आस्तीन का खंजर।
 मंदिर छोटा,
 इर्द-गिर्द बिक्री 
 नकली चंदन नकली रुद्राक्ष।
 मंदिर भक्ति का केंद्र नहीं,
व्यापारिक केंद्र,
 आस्तीन का साँप।
काशी के ठग
 अति प्रसिद्ध।
  भारत के इतिहास में 
 विदेशियों के शासन।
 कारण  स्वार्थ 
आस्तीन के खंजर अधिक।
मोबाइल में अति सुन्दर विज्ञापन,
 नकली चीजों की बिक्री।
वे भी होते हैं आस्तीन के खंजर।
 चुनाव क्षेत्र में तो
 भ्रष्टाचारी की विजय।
ये भी अस्तीन के साँप।
रिश्वतखोरी अधिकारी 
वे भी आस्तीन के खंजर।
रिश्वत को रोकने एक विभाग।
 वह किस काम का पता  नहीं,
हर सरकारी क्षेत्र में 
 आस्तीन के खंजर अधिक।
  कदम कदम पर आस्तीन के साँप।
कोचिंग सेंटर  में 
 आस्तीन के खंजर।
अदालत  में न्याय में देरी।
 वहाँ भी आस्तीन के खंजर अधिक।
 फूँक फूँककर आगे कदम 
 रखना,
 पौराणिक कथाओं में 
आस्तीन के खंजर अनेक।
देशोन्नति के मार्ग का रोडा 
इन आस्तीन के खंजरो के कारण।
जनता जान बूझकर 
 आस्तीन के खंजरों 
 का साथ देती हैं 
 मतदान देकर।

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