[08/11, 9:51 pm] sanantha.50@gmail.com: देश
देश हमारा देशभक्त भरे
नागरिकों का नहीं।
सिकंदर के आक्रमण ,
पुरुषोत्तम का सामना
आंटी का द्रोह।
आज़ादी के बाद
कृषी विकास के बदले
औद्योगिकरण के नाम
भारतीय कुटिर उद्योगों का नाश।
गंगा तट पर पीने का पानी विदेशी यंत्र कंपनी
का मिनरल वाटर।
झीलों का नदारद।
नदियों में पानी का प्रदूषण।
संविधान में सब बराबर।
व्यवहार में अल्पसंख्यकों के मजहब का अधिक अधिकार सहूलियतें।
चुनाव में भ्रष्टाचारी अपराधी सांसद विधायकों का विजय।
नकली दूध,
मिलावट घी की बिक्री।
भारतीय भाषाओं को नदारद।
अंग्रेज़ी माध्यम की प्रधानता।
पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव।
तलाक के मुकद्दमों की बढ़ती अदालत।
सम्मिलित परिवार का नदारद।
वृद्धाश्रम की बढ़ती।
आज़ादी के 78साल के बाद स्वच्छ भारत का नारा।
अमीर अपराधियों के
मुकद्दमे बारह साल तक
अंत में फाइल गायब,
गवाहों का गायब।
अपराधी के पक्ष में न्याय।
हर विभाग में रिश्वत।
देश में सहनशीलता।
इन सब के होने पर भी
देश की आश्चर्यजनक प्रगति।
श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में
भारतीयता का जागरण।
स्वच्छ भारत का नारा।
विपक्षियों का एकजुट विरोध।
राष्ट्रीय शिक्षा का तमिलनाडु में विरोध,
नवोदया स्कूल का विरोध
हिंदी का विरोध,
सनातन धर्म का समूल नष्ट करने का शपथ।
फिर भी देश की एकता।
देशोन्नति देख अमानुषीय शक्ति
आध्यात्मिक शक्ति का आश्चर्यजनक प्रभाव।
एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना
[09/11, 12:25 am] sanantha.50@gmail.com: भारत देश।
पुण्य भूमि है भारत।
देव भूमि है भारत।
वेदों की भूमि है भारत।
वीरों कि भूमि है भारत।
ऋषि मुनियों और संतों की भूमि भारत।
अतिथि देवो भव का आदर्श भूमि है भारत।।
विविधता में आदर्श एकता की भूमि भारत।
विभिन्न भाषाओं के देश में
बड़ी एकता है सोच विचार का।
लाला लाजपत राय
बालगंगाधर तिलक,
विपिन चंद्र पाल
सुभाष चंद्र बोस जैसे
अतुल्नीय नेता,
भगत सिंह, राजगुरु, कुमरन जैसे वीर पुत्रों की भूमि भारत।
अहिंसा परमो धर्म के
अहिंसा शांति भ्रातृभाव
प्रिय विश्वंद्य मोहन दास करमचंद गांधी जी की पुण्य भूमि भारत।
एशिया ज्योति भगवान
बुद्ध की पुण्य भूमि भारत।
राम, कृष्ण की अवतार भूमि भारत।
पुष्पक विमान की भूमि भारत।
चिकित्सा में शल्य चिकित्सा के वैद्यों की भूमि भारत।
विश्व की प्रगति के लिए मार्ग दर्शकों की भूमि भारत।
वीर धीर साहसी पुरुषों की भूमि भारत।
जय भारत!
एस अनंतकृष्णन चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना
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