Search This Blog

Thursday, November 27, 2025

ईमानदारी

 ईमानदारीका पथ।

 +++++++++++

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना 

28-11-25

+++++++++++++++

ईमानदारी  का पथ।

 अत्यंत महत्वपूर्ण।

 आदर्श प्रशासन का मार्ग।

आत्म संतोष का मार्ग।

 आत्मानंद का मार्ग।

तटस्थता का मार्ग

त्याग का मार्ग।

वह मार्ग धन प्रधान नहीं।

सत्य मार्ग,मानवता का मार्ग।

अति हर कठिनतम मार्ग।

उसमें न भ्रष्टाचार,

 न रिश्वतखोर।

कर्तव्य मार्ग ,

 ईश्वर की देन सोचकर 

 कर्तव्य निभाने का मार्ग।

प्रशंसा का मार्ग।

 माया जगत में 

 चलना मुश्किल।

शासक की ईमानदारी 

 जनता को भी आदर्श  बनाएगी।

 माया जगत में 

 ईमानदारी  के लोग हैं,

 पर संख्या में कम।

 अत्यंत शक्तिशाली। पर

 शासक वर्ग, चुनाव क्षेत्र 

 जनता, मतदाता 

  माया जगत में 

 सद्यःफल के लिए 

 ईमानदारी के पथ को

 भूल गए हैं।

 सौ करोड़ रूपये खर्च कर

 बनते हैं सांसद विधायक।

 इतने करोड रूपए 

ईमानदारी कमाई नहीं।

 खुल्लमखुल्ला वोट के लिए नोट, हर कोई जानता है।

 पर मतदाता ईमानदारी को वोट नहीं देते।

 कहते हैं लोकतंत्र की रक्षा।

 30%  वोट नहीं देते।

30% विपक्ष।

  बाकी जो जीतते हैं,

 अपने निजी बल  से नहीं,

  गठबंधन के बल से।

  परिणाम सिद्धांत पर दृढ़ता नहीं,

 चुनाव आयोग,

सतर्कता और 

  भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय"। 

 चुप, चुप,

  शासक के अधीन।

 बदमाशों का भय दिखाना।

 चुनाव आयोग भी शक्ति हीन।

 करोड़ों काले चुनाव के समय पकड़ने की खबर।

फिर भी धन  मतदाता तक।

 चुनाव के पहले ही

 बर्तन का भेंट।

ईमानदारी का पथ आदर्श

 पर माया/शैतान/सात्तान

 अतिज्ञशक्ति शाली।

 ईमानदारी के पथ पर चलने न देती।

 रूप माधुर्य  वेश्यावृत्ति,

 काम क्रोध लोभ ईर्ष्या

 आधुनिक सुविधाएँ।

ईमानदारी पथ पर  बांधा बन खड़ा हैं।

 शिक्षित वकीलों की तांता प्रतिमा,

बेईमानदार को छुडानै तैयार।

लक्ष्मी पुत्र  के बल के सामने  ईमानदारी का पथ

 काँटों से भरा है,

कंकटों से भरा है

चलना अति मुश्किल।

 धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र नहीं 

 ध्यान से देखने पर

 अन्याय की सूची लंबी।








 









 

No comments:

Post a Comment