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Saturday, October 17, 2020

बड़ा आदमी

 बड़ा आदमी 

मैं हूं बड़ा आदमी,
भूखा प्यासा भटक रहा था।
अत्यंत प्रयत्न कठोर परिश्रम
अब आलीशान होटल, इमारत,
नौकर चाकर मेरे मेहनत का फल।
चंद सालों में रोते बिलखते मिला,
संपत्ति अधिक,पर संतान ऐसा,
एक असाध्य रोगी,न इलाज।
दूसरा फिजूलखर्ची, करोड़ों का बरबाद।
हजोरों की सुविधाएं,पर न शान्ति,न संतोष न आनंद।।
,ही है सबहिं नचावत राम गोसाईं।।

स्वचिंतक स्वरचित कविता अनंत कृष्णन,चेन्नै।।

दुर्दशा

 नमस्ते। वणक्कम।

दुर्दशा में न हो कभी दिशाहीन।

पौराणिक कथाओं में दुर्दशा और शाप

दशरथ क्षको भी आया, राम को भी और रावण को भी।

नल दमयंती ,हरिश्चंद्र, शकुंतला,दुश्यंत

कहानियां न जाने दुर्दशा कितनों की।

भारत की दुर्दशा विदेशी आक्रमण।

अंग्रेजी भारतीय भाषाओं  की दुर्दशा।

राम और सीता की दुर्दशा 

मंथरा का रूप।

भीष्म पितामह की दुर्दशा

आजीवन ब्रह्मचारी।।

ये दुर्दशाएं अति सूक्ष्म।

 हम अत्यंत चतुर,पर सुनामी, कोराना,वर्षा ,बाढ प्राकृतिक।

जवानी, बुढ़ापा,रोग,कितनी बुरी हालत।

सबहिं नचावत राम गोसाईं।

स्वरचित सर्व चिंतक अनंतकृष्णन,चेन्नै।।

ख्याल

 ख्यालों में हम डूब रहे हैं,

कार्यान्वित करना न  आसान।

काल्पनिक घोड़े दौड़ाने में सफल।

आध्यात्मिक जप-तप सर्वेश्वर की शक्ति,

प्रयत्नशीलता  ख्यालों को बना देती साकार।।

आलसी आलसी  देव देव पुकारा

न कोई लाभ,न कोई साकार।।

हर ख्याल  कार्यरत सफल होने पर

न महत्त्व सर्वेश्वर का।

जानना समझना है,

सबहिं नचावत राम गोसाईं।।

Friday, October 16, 2020

कब क्या होगा ?किसने जाना ?

 कब  क्या  होगा ? किसने जाना ?

: नमस्ते। वणक्कम।


जिंदगी  अचानक नये मोड़ में ?

  कालेज का लडक

 पढ़ाई छोड़

गायक बना ।

कंडक्टर बना सूपर स्टार।

मूर्ख कालीदास बना 

महाकवि कालिदास।

सिद्धार्थ, भर्तृहरि बने संन्यास।

भीष्म बना  ब्रह्मचारी।

इंदिरा गांधीजी राजीव महात्मा की अकाल मृत्यु।  

चायवाले महान  भारत देश भक्त का 

विश्व वंद्य विख्यात नेता।

नर्तकी जयललिता का मुख्यमंत्री पद।

अपराधी फिर भी

 अपराधी रहित सम्मान।

कोराना का विश्व भर का आतंक।

कब  क्या होगा ?किसने जाना ?

स्वचिंतक स्वरचित अनंतकृष्णन,चेन्नै।

Tuesday, October 13, 2020

मुसीबत सबक सिखाती है



नमस्ते। वणक्कम। 


: अनंतकृष्णन स्वचिंतक स्वरचित। 

मुसीबत सबक सिखातीहै--

आवश्यक्ताआविष्कारकीजननीहै।

 धूप अधिक।असहनीय। 

मजबूरी ,परिणाम जूते का आविष्कार। 

जंगली जानवर ,भयंकर जंगल 

अपने प्राण की रक्षा ,पत्थर से बारूद।

नदी पार करना मुश्किल। जान ख़तरा। 

परिणाम पुल  का आविष्कार।  

गरीबी की मुसीबतें

,बोझा ढ़ोने तैयार।

मज़दूर बनने तैयार।

शत्रु की मुसीबतें ,मज़बूत  किला, खाई का आविष्कार।

सीढ़ी चढ़ने की मुसीबत ,परिणाम लिफ़्ट। 

नाव  धीरे-धीरे चलती तेज़ सुरक्षित यात्रा के लिए जहाज़।

हवाई जहाज़ समय की तंगी से बचने के लिए। 

रोगों की मुसीबतें ,दवाओं की आविष्कार। 

पहाड़ पर चढ़ना मुश्किल ,डोली में उठाकर 

ऊपर चढ़ना मुश्किल ,परिणाम रोप कार. विंच। 

मानसिक असाध्य रोग से बचने भक्ति ,प्राणायाम ,ध्यान। 

स्वरचित अनंतकृष्णन।  स्वयं चिंतक। चेन्नै। 

आवश्यक्ताआविष्कारकीजननीहै।

 धूप अधिक।असहनीय। 

मजबूरी ,परिणाम जूते का आविष्कार। 

जंगली जानवर ,भयंकर जंगल 

अपने प्राण की रक्षा ,पत्थर से बारूद।

नदी पार करना मुश्किल। जान ख़तरा। 

परिणाम पुल  का आविष्कार।  

गरीबी की मुसीबतें ,बोझा ढ़ोने तैयार।

मज़दूर बनने तैयार।

शत्रु की मुसीबतें ,मज़बूत  किला, खाई का आविष्कार।

सीढ़ी चढ़ने की मुसीबत ,परिणाम लिफ़्ट। 

नाव  धीरे-धीरे चलती तेज़ सुरक्षित यात्रा के लिए जहाज़।

हवाई जहाज़ समय की तंगी से बचने के लिए। 

रोगों की मुसीबतें ,दवाओं की आविष्कार। 

पहाड़ पर चढ़ना मुश्किल ,डोली में उठाकर 

ऊपर चढ़ना मुश्किल ,परिणाम रोप कार. विंच। 

मानसिक असाध्य रोग से बचने भक्ति ,प्राणायाम ,ध्यान। 

स्वरचित अनंतकृष्णन।  स्वयं चिंतक। चेन्नै। 

Monday, October 12, 2020

शोर

 नमस्ते।वणक्कम।

 तड़के उठी,घर के दरवाजे पर

चावल के आटे से रंगोली 

खींच रही थी।

चिडिये-पक्षी कलरव का शोर।।

तभी बुल्लट में आए दो हेलमेट धारी

लड़की के गले का हार छीनकर गये।

लड़की शोर मचायी ,

हेलमेट चोर के सर मात्र न बचाता।।

चेहरे ढककर उचक्के का

 पता लगाने न दिया।

तड़के पक्षियों का शोरगुल।

बु्ल्लट की आवाज़,लड़की का शोर।।

कूड़े बटोरने सीटी का शोर।

फिर स्कूल बस का सायरन ।

कुकर का विशिल आवाज ।।

शोर के कारण अनेक।

बगैर रोने के शोर से न हुआ 

हमारा जन्म।।

रेल गाड़ी का सीटी बजाना।

विवाह मंडप में नादस्वर,

मृदंग, वेद ध्वनि।

हर कहीं शोर ही शोर।

मंदिर की घंटी ध्वनि,

मस्जिद की ध्वनि।।

शोर नहीं तो 

जान नहीं।

हृदय धड़कन।

कुत्ते की भूंक।।

शोर नहीं तो कैसा जीवन।

हर तरफ शोर के और कई कारण।

पटाखे जब जुलूस बारात निकलता।।

खुर्राट की आवाज़ सोते वक्त।

मरते ही रुदन की आवाज।

जन्म से लेकर मृत्यु के बाद भी शोर।

हर तरफ शोर ही शोर।।

 नमस्ते।।

आपका अनंत कृष्णन।

Sunday, October 11, 2020

सात संख्या

 काव्य मराथान में आज सातवां दिन।

प्रसिद्ध कवि, गायक,मंच संचालक,मुरली वादक श्री ईश्वर करुण द्वारा प्रेरित नामोदित मैं  अनंत कृष्णनअपनी सातवीं कड़ी लिख रहा हूं।

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सात संख्या के महत्त्व अति विशेष जानिए

 एक जन्म में सीखी शिक्षा 

सात जन्मों तक साथ देगी,।

तो सीखिए बगैर कसर करके, 

सीखने के बाद उनका अक्षरशः पालन कीजिए।

 कछुए समान अपने पंचेंद्रियों को काबू में रखिए।

सात जन्मों तक सुखी रहिए।।

सप्त कन्याओं के नाम ब्रह्मि,वराही,कौमारी,महेश्वरी,इंदिरानी, वराही,चामुंडीश्वरी नाम लेने से होगा लाभ।

सप्त ऋषि परंपरा ,सप्त ऋषियों के नाम,सप्त ऋषि मंडल

सप्त सागर,सप्त लोक सात संख्या का विशिष्ट महत्त्व।

वशिष्ट, विश्वामित्र,कण्व,भारद्वाज,अत्रि,वामदेव,शौनिक

सनातन धर्म के गोत्र प्रसिद्ध।सात संख्या का महत्त्व ।

सप्त गिरीश्वर श्री वेंकटेश्वर कलियुग देव ,

सात संबंधित देश,देवी, ऋषियों-मुनियों के स्मरण

सात जन्मों का संकट मोचन,जानिए, समझिए,समझाइए।

स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै।