नमस्ते। वणक्कम।
: अनंतकृष्णन स्वचिंतक स्वरचित।
मुसीबत सबक सिखातीहै--
आवश्यक्ताआविष्कारकीजननीहै।
धूप अधिक।असहनीय।
मजबूरी ,परिणाम जूते का आविष्कार।
जंगली जानवर ,भयंकर जंगल
अपने प्राण की रक्षा ,पत्थर से बारूद।
नदी पार करना मुश्किल। जान ख़तरा।
परिणाम पुल का आविष्कार।
गरीबी की मुसीबतें
,बोझा ढ़ोने तैयार।
मज़दूर बनने तैयार।
शत्रु की मुसीबतें ,मज़बूत किला, खाई का आविष्कार।
सीढ़ी चढ़ने की मुसीबत ,परिणाम लिफ़्ट।
नाव धीरे-धीरे चलती तेज़ सुरक्षित यात्रा के लिए जहाज़।
हवाई जहाज़ समय की तंगी से बचने के लिए।
रोगों की मुसीबतें ,दवाओं की आविष्कार।
पहाड़ पर चढ़ना मुश्किल ,डोली में उठाकर
ऊपर चढ़ना मुश्किल ,परिणाम रोप कार. विंच।
मानसिक असाध्य रोग से बचने भक्ति ,प्राणायाम ,ध्यान।
स्वरचित अनंतकृष्णन। स्वयं चिंतक। चेन्नै।
आवश्यक्ताआविष्कारकीजननीहै।
धूप अधिक।असहनीय।
मजबूरी ,परिणाम जूते का आविष्कार।
जंगली जानवर ,भयंकर जंगल
अपने प्राण की रक्षा ,पत्थर से बारूद।
नदी पार करना मुश्किल। जान ख़तरा।
परिणाम पुल का आविष्कार।
गरीबी की मुसीबतें ,बोझा ढ़ोने तैयार।
मज़दूर बनने तैयार।
शत्रु की मुसीबतें ,मज़बूत किला, खाई का आविष्कार।
सीढ़ी चढ़ने की मुसीबत ,परिणाम लिफ़्ट।
नाव धीरे-धीरे चलती तेज़ सुरक्षित यात्रा के लिए जहाज़।
हवाई जहाज़ समय की तंगी से बचने के लिए।
रोगों की मुसीबतें ,दवाओं की आविष्कार।
पहाड़ पर चढ़ना मुश्किल ,डोली में उठाकर
ऊपर चढ़ना मुश्किल ,परिणाम रोप कार. विंच।
मानसिक असाध्य रोग से बचने भक्ति ,प्राणायाम ,ध्यान।
स्वरचित अनंतकृष्णन। स्वयं चिंतक। चेन्नै।
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