Thursday, October 29, 2020

ख़्वाब /सपना

 Anandakrishnan Sethuraman

नमस्ते। वणक्कम।
ख्वाब/सपना। २९-१०-२०२०
सपने साकार/निराकार।
सुफल कुफल के सपने।
दिवा सपने कोई परिणाम नहीं।
तड़के के सपने सुपरिणाम।
सकारात्मक सपने,
जिन बातों को सोचते रहते हैं।
वही सपने में।
कथानायिका के सपने,
सपने की लकड़ियां।
इसे अंग्रेजी में "ड्रीम गेल" कहने में
अति आनंद।
आधुनिक लड़कियां ड्रीम बाय के सपने।
सपनों की रानी कब आएगी तू
खानेवाले अनेक।।
सपनों का भारत देखनेवाले कम।।
सपनों का अनुशासन देखनेवाले कम।
गांवों की प्रगति, किसानों के खुशहाल के सपने कम।।
शहरीकरण,उद्योगीकरण के स्वप्नों को देखनेवाले अधिक।।
मेरा सपना यही भावी पीढ़ी दाने-दाने कै लिए
तरसेगी जरूर।यह तो तड़के का सपना।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।।

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