Tuesday, October 27, 2020

देश की चिंता कौन करें


२७-१०-२०२०
देश की चिंता कौन करें?
मतदाता ?कभी नहीं।
40%मतदान नहीं करते।
राजनैतिक नेता?
वे अपने दल की प्रगति के लिए
प्रांतीय दल को बढ़ाने वाले हैं।
धार्मिक नेता?
मनुष्य मन में भेदभाव पैदा करनेवाले,
आश्रम के आचार्य?
अपने अपने संप्रदाय दल बढ़ाने वाले
अधिकारी?
शासक स्र्वार्थ और धन के गुलाम।
जो इन सब की भ्रष्टाचारी को
तालियां बजाना छोड़कर
स्वचिंतक निस्वार्थ बनते हैं
देश की भावी पीढ़ी की रक्षा में
तन,मन,धन लगाते हैं,
मां हो या नेता या पिता या आध्यात्मिक आचार्यों के
दुर्व्यवहार का पोल खोलकर विरोध करते हैं,
वहीं देश की चिंता करते हैं।
स्वचिंतक स्वरचित अनंतकृष्णन चेन्नै।।

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