Sunday, October 18, 2020

शीर्षक --संतोष कार्यशाला

 शीर्षक --संतोष कार्यशाला २० १८-१०-२०२०

मनुष्य संतोष या असंतोष ?
कैसे पता चलेगा ?
प्रेम की सफलता में या असफलता में ?
धन पाकर बाह्याडम्बर से खर्च करने में ?
या कर्जा लेकर मनमाना खर्च करने में ,?
क्रेडिट कार्ड में सूद मात्र ५%अदा करने में
या हर महीने उनको पूरा चुकाने में?
मद्यपान करने में या मद्यनिषेध करने में ?
ईमानदारी में या बेईमानदारी में ?
दान देने में या दान लेने में ?
ईश्वर प्रीती में या मानव प्रीती में ?
स्वार्थ में या निस्वार्थ में ?
एक बाह्य झूठ दूसरा आतंरिक सच
अतः मानव हमेशा दुरंगी।
दुनिया को कहेगा दुरंगी
मैं कहूंगा बहुरंगी।
स्वरचित स्वचिंतक यसअनंतकृष्णन।

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