நமஸ்தே. वण क्कम ।।
रस्सी जली ऐठन नहीं गई।।
तमिल में कहावत है
कुप्पुराविलूंतालुम मीसैयिल
मण ओट्टलै--
अर्थात पेट के बल गिरने पर भी
मूंछ पर मिट्टी न चिपका।
आजकल के राजनीतिज्ञ पर
इतने आरोप बारह साल के बाद
फैसला है अपराधी।
अख़बारों में कीचड़ उछालते।
फिर भी वे चुनाव लडने तैयार।
किसने अत्यधिक कीचड़ उछाला
वही उनके साथ मिलकर
मांगते वोट।
रस्सी जल गयी पर ऐंठन न गई।।
मेरे दोस्त के बेटे २४ पेपर फेल।
कोराना की कृपा से सब में उत्तीर्ण।
रस्सी जल गई,पर ऐंठन नहीं गई।
यही भाग्य की बात।
अपमानित सम्मान,
दुर्बलता में सबलता।
भाग्य भला तो रस्सी जलने पर भी ऐंठन न गई।।
अनंत कृष्णन,तमिलनाडु के हिंदी प्रचारक ,(मति नंत)
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