Thursday, October 29, 2020

समय

समय 

समय चूकना अवसर गंवाना।।

दुख में सुमिरन सब करें,

सुख में करै न कोय।।

नयन खराब होने के बाद,

सूर्य नमस्कार।।

अच्छे दिन पाछे गये,

अब पछताने से होत क्या?

चिड़िया चुग गई खेत तो 

हरी से करता होत ।।

जवानी चली गई तो बुढ़ापे में

पछताना बेकार है।।

दांतों में अखरूट बुढ़ापे में

तोड़ना कैसे?

समय चूकना अवसर गंवाना।

बुढ़ापे में विवाह करना,

निर्मल नहीं,मल ही जान।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै

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