हरे कृष्ण! हरे कृष्ण!
तुझपर आरोप!
ब्रह्मा ये क्यों नहीं कहते
अत्यंत अत्याचारियों की सृष्टि नहीं करना.
हमारा कुछ नहीं बनता -बिगडता.
हम हैं तेरे शरणार्थी.
जानते हैं तुम शरणागत वत्सल हो.
अतः हमें कोई चिंता नहीं.
तुझीको पुनः अवतार लेना पड़ेगा.
रण क्षेत्र में कूदना पड़ेगा.
मोहिनी अवतार लेना पड़ेगा.
असुर की कुदृष्टि तुम पर पडेगी.
शिव के मोह से बच्चा होगा.
उस बच्चे को संघर्षमय जीवन जीना पडेगा.
हिरण कश्यप की सृष्टि ये
तेरे भक्त प्रह्लाद को जितना
कष्ट उठाने पडे,
उतने किसी को नहीं .
रावण की सृष्टी की तो
रामावतार में
तेरी ही अर्द्धांगिनी को ही
अपहरण करके चला.
शिव तो सर्वज्ञ,
पर वर देकर दुष्टों का बल क्यों बढाते.
तुम क्यों उनसे नहीं कहते कि
सोच समझकर वर देना.
हमारा कुछ नहीं बनता बिगड़ता.
हम हैं तेरे शरणार्थी,
तू तो शरणागत वत्सल.
हमारी कोई चिंता या भय नहीं,
हम हैं तेरे भक्त,शरणार्थी.
व्यर्थ ही तुझको अवतार लेना पडेगा.
कष्ट उठाना पड़ेगा .,
दुष्टों को संहार करना पड़ेगा.
महाभारत जैसे तेरे वंश का शाप होगा.
धर्म क्षेत्र युद्ध क्षेत्र भले ही हे,
अच्छे , तेरे शरणार्थी भक्त आदि को भी
भाग लेना पडेगा,
तेरा बदनाम होगा.
हमको कोई भय या चिंता नहीं,
हम है तेरे शरणार्थी भक्त .
जपते तेरे नाम, हरे राम, हरे कृष्ण.
हर हर महादेव. ओम नारायणायनमः.
दुष्टों को संहार करना पड़ेगा.
कष्ट उठान पड़ेगा.