Saturday, June 2, 2018

सबहीं नचावत राम गोसाई

रोज मन की बात
लिखना  सनकी सा बन गया.
क्या लिखना  है, वह हममें नहीं है.
हर कोई  कुछ न कुछ
 लिखना ही  चाहता है.
 हर कोई  नायक बनना ही चाहता है.
हर कोई  स्वस्थ  रहना ही चाहता है.
हर कोई   जिंदगी म
ें हर काम में विजय पाना ही चाहता है.
क्या यह संभव है?
रोज गुरु के चरण स्पर्श  कर
संगीत का अभ्यास  करनेवाला
बडे संगीतज्ञ  न बन सकता.
बडे बडे डाक्टर भी रोगी बनते हैं
अपने को बचा नहीं सकता.
अंत में चतुर मनुष्य को इसी निष्कर्ष  पर ही
आना पडा/ पडेगा/पडता है
"सबहीं  नचावत राम गोसाई "!

Friday, June 1, 2018

मातृभाषा


मैं हूँ. तमिलनाडु  के हिंदी प्रचारक  .
लिख रहा हूँ  ,अपनी हिंदी, 
अपनी शैली, अपने विचार. 
 प्रेम करता हूँ, अपनी मातृ भूमि से, 
अपनी देशी  भाषाओं  से
सनातन धर्म के भक्ति मार्ग से. 
 आदी काल से आजकल की राजनीति 
एकता लाने के प्रयत्न में. पर
स्वार्थी  मजहबी  ,
प्रेम भक्ति एकता में बाधक
विदेशी आये शासक बने
 जनता में सहन शीलता  
मंदिर तोड़, मसजिद बनाये
अंग्रेज़ आये  अपनी भाषा 
छोड चले, हम अपनी भाषा भूल चले. 
आजादी तो मिली, आधी रात को, 
अंधकार में, अंग्रेज़ी  की उजाला का 
अज्ञान  ज्योति जलाकर, 
शासक जो नेहरू बने 
अंग्रेजी  के पारंगत. 
मंत्री मंडल में सब अंग्रेजी  पटु. 
भूल गये मातृभाषा  और संपर्क भाषा. 
आज हर जगह जनता चाहती
अंग्रेज़ी  माध्यम  की शिक्षा. 
मातृभाषा  से नफरत. 
 बगैर अंग्रेज़ी  के, 
जीविकोपार्जन  असंभव. 
  यदि मातृभाषा  को
आय और, नौ करी का साधन  बनाने
सत्तर साल की आजादी 
अंग्रेज़ी  ही प्रधान. 
आरक्षण  नीति योग्य लोगों को
विदेशी भगा देती. 
फिर भी देश का विकास. 
शिक्षा  में अनुशासन  की कमी. 
फिर भी अनुशासित लोग. 
भ्रष्टाचार  शिखर पर
फिर भी न्याय की झलक. 
यह दिव्य भारत की दिव्य प्रभाव.
जानना-पहचानना,समझना मुश्किल. 


























खाली दिमाग.

खाली दिमाग कहा गया ,
शैतान का कारखना.
काम  न कोई , न आय .
बेकार मन ,
कई बातें सोचेगा ही.
 खा   ली रोटी,
फिर  खाली दिमाग .
 काम  की इच्छा ,
काबू न  मन
न धन ईर्ष्या का  आधार.
क्रोध का भाव .
नाश का  विचार.
खाली दिमाग .
तो  सही नहीं .
मन खाली  होने पर ब्रह्मानंद.
खाली दिमाग तो प्रलय दुःख.

मातृत्व

माता की  ममता,
मातृत्व की उमड,
भूख मिटाने नन्हें  की
न कृत्रिम  दूध व्यवस्था,
ईश्वरीय देन मातृत्व की
नंगे पैर, बोझ ढोने  की शक्ति,
धूप सहने की शक्ति,
मेहनत, ईमानदारी कमाई,
रंक- जीवनानंद,
  न  रंगीला अमीरीजीवन में,
बोझ सहित तेज गति,
आत्मनिर्भरता ,
 न रईसी जीवन में
कठोर मेहनत
सहज मीठी नींद
अति दुर्लभ
अमीरी जीवन में.
महिला को
जो प्राकृतिक विश्रांति
वह न मिलती शाही  जीवन में.
ईश्वर धन्य,
 गरीबों की शक्ति मेहनत में
अमीरों का ऐयाशी बाह्यानंद,
मजदूरी जीवन में
 अंतः मन का अतुलित आनंद.

Thursday, May 31, 2018

संयम की सीख.

सबको  प्रातःकालीन प्रणाम.
प्रार्थना पर जोर,
प्राचीन भारत का जोर.
संयम की सीख,
सनातन धर्म  की जान.
पर भी न रोका प्राकृतिक
माया-मोह. संभोग.
मंदिरों की शिल्पकला में
गर्भ ग्रह की गल्तियों में
प्रेम के प्रधानता देकर
भक्ति को प्रधान बनाया.
मलिकमुहम्मद डायरी के पहले
हमारे पूर्वजों  का प्रेम मार्ग.
 हजारों साल पुराना वेदकाल,
आदी सभ्यता का केंद्र
ज्ञान मार्ग.
रूप अरूप ईश्वर का महत्व
उद्भव गोपी संवाद.
न किसी मज़हब -संप्रदाय से नफरत.
प्रार्थना  में प्राकृतिक  शक्तियों की प्रधानता
नवग्रहों  कोईश्वर मान,
स्थल वृक्षों की पूजा,
प्रदूषण से बचने का मार्ग.
ज़रा गंभीरता से सोचना.
भारतीय भाषाओं के साहित्य,
वेद की प्रधान्यता देना. विश्व बंधुत्व,वसुदैव कुटुंब का आदर्श  संदेश
भारतीय  अपनाना विश्व शांति का मार्ग.

Wednesday, May 30, 2018

जपो जपो

प्रातःकालीन प्रणाम.
इनिय कालै  वणक्कम.
 हमारे मन में चाहिए  संयम.
इच्छा शक्ति चाहिए.
ईश्वर भक्ति चाहिए.
ज्ञान  शक्ति चाहिए
क्रिया शक्ति चाहिए.
तीनों  शक्तियाँ प्रदान करने
ईश्वरीय अनुग्रह चाहिए.
तब तो  हमें क्या करना चाहिए
ईश्वर  पर भरोसा चाहिए.
मंत्र तंत्र नहीं जानते,
ऐसा  सोच नहीं चाहिए.
 केवल सदाचार संयम  का बल,
ईश्वर के नाम जपना
मनोकामनाएँ पूरी होने का सरल मार्ग.
बोलो भजो जपो ध्यान में लगो.
 ऊँ गणेशाय नमः|
 ऊँ कार्तिकेयाय नमः
 ऊँ नमः शिवाय
ओम दुर्गायै नमः.
जपो जपो हमेशा,
मन लगाओ,
काम में लगो
सत्य कर्तव्य पालन, सदाचार
नाम जपो
 पाओ,
वाँछित फल.
तजो लौकिक इच्छाएँ.
अलौकिक  चाहें में  मन लगा.
सपरिवार  जिओ.
विषय वासना से दूर रहो .
जपो जपो जपो
,ऊँ गणेशाय नमः
ऊँ कार्तिकेयाय नमः
ऊँ नमः शिवाय
ओम दुर्गायै नमः

Monday, May 28, 2018

இறைய ரு ள்भगवान का अनुग्रह
இரு ந் தா ல்  साथ रहे
रहें तो
இன்ன லு ம்  दुख भी
இன்பம்  ஆகு ம். सुख होगा.
எண்ணங்கள்   सोच विचार  
ஏற்ற மா கு ம். उच्चतम होंगे.
எண்ணி ய வை  जो सोचते हैं
எளிதில் சா த்தி ய மா கு ம். वे साध्य होंगे.
 ஐயம் சி றி து ம்  இல்லை.  तनिक भी नहीं संदेह.
ஆண்டவனைத் து தி த் தா ல்  भगवान की स्तुति में
ஆனந்தம் ஆனந்த மே.
आनंद ही आनंद.