संस्कृति
Sunday, September 27, 2020
उम्मीद
हिंदी व्याकरण परिवर्तन
एक भाषा जब अपनी परंपरागत शैली से नई
Friday, September 25, 2020
धर्म मानव धर्म
किसान बनकर अगजग की भूख मिटाना।
साधू बनकर सदुपदेश ,
गुरु बनकर अज्ञानान्धकार मिटाकर अनंतेश्वर से मिलाना।
व्यापारी बनकर आवश्यक पदार्थों की बिक्री।
पेशेवर बनकर उपयोगी कला।
उद्योगपति बनकर बेकारी दूर करना।
ईश्वर की सूक्ष्म ज्ञान ,
अगजग की व्यवस्था ,
एक की क्षमता दुसरे को नहीं ,
हरफन मौला जग में कोई नहीं।
शारीरिक बल है तो बुद्धि बल कम।
आर्थिक बल तो अन्य बल कहाँ ?
एक दुसरे से आश्रित वही
परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि। .
स्वरचित -स्वचिंतक एस। अनंतकृष्णन
नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
आँख का अँधा नाम नयन मुख।
पेशे का भिखारिन नाम लक्ष्मी देवी।
यही अगजग का व्यवहार।
पाप का अवतार ,नाम पुण्यमूर्ति।
बहाना बनाने एक लोकोक्ति
अज्ञानता पर पर्दा ,
परीक्षा का डर ,नीट का विरोध।
चार लाख योग्य प्रशिक्षित अध्यापक
तमिलनाडु में परीक्षा दी ,३६५ उत्तीर्ण।
नीट परीक्षा विरोधी।
यही नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
स्वचिंतक स्वरचित एस.अनंतकृष्णन
आँधियाँ
2. गम की बरसात
3. जिंदगी की धूप
नमस्ते। वणक्कम ! तमिलनाडु के हिंदी प्रचारक
१९६६-६७ --आँधियाँ चली तमिलनाडु में ,
कौन-सी आँधी हिंदी विरोध की आँधी।
कालेज -स्कूल के छात्र सत्ता पकड़ने अस्त्र -शस्त्र बने
निर्दयी राजनीती कुर्सी पकड़ने आंदोलन की चरम सीमा
रेल जले ,बसें जली ,पुलिस की गोलियों के शिकार बने
गम की बरसात ,लाठी का मार.
बस ,चुनाव में ईमानदार नेता हार गए ,
राष्ट्रीय चेतना को लेकर आंधी समाप्त।
प्रांतीय द्रमुक दल ,फिर अण्णा द्रमुख दल।
तभी मैं हिंदी प्रचार में लगा.
हर चुनाव के समय यह आंधी आती ,
आँधी के बीच या बाद ऐसे नहर-नाले -नदी
हिंदी के स्वाद लेकर बही ,
द्रमुक नेता अपने वारिश को
सांसद - मंत्री बनाने हिंदी सीखी ,
पर जनता को सीखने नशीन देते।
संस्कृत का विरोध ,पर उनके दाल का चिन्ह "उदय सूर्य।
अब ऐसी आँधी की प्रतीक्षा में ,
जिससे उनके छद्म वेश /दुरंगी चाल का मुखड़ा उड़ जाएँ।
आँधी से हानी पर भला होती ही है।
अब सारे दक्षिण में तमिलनाडु में ही
बिना केंद्र के या राज्य के समर्थन बिन
दो लाख से ज्यादा जनता की प्यारी बन गयी हिंदी। हिंदी !
एस। अनंत कृष्णन ,चेन्नै।
गम की बरसात
तमिलनाडु में देव विरोध के गम की बरसात।
हजारों मूर्तियाँ ई। वे.रामसामी नायक्कर की
भगवान नहीं के नारे के साथ.
भगवान कहनेवाला अयोग्य ,
भगवान को माननेवाला बेवकूफ।
अंग्रेज़ी पढ़ेंगे भले ही तमिल माध्यम के स्कूलों का बंद हो।
हिंदी के विरुद्ध प्रांतीय दलों का नारा।
उनके साथ राष्ट्रीय दल कांग्रेस।
अब भारतीय जनता की शिक्षा नीति के विरुद्ध ,
किसान सुधार बिल के विरुद्ध वर्षा।
यही तमिलनाडु में गम की बरसात।
जिंदगी धूप।
ईश्वर की लीला या मानव के पाप।
पता नहीं कोराना का मरुभूमि धूप।
अस्पतालों में दिवा लूट ,
व्यवसायों में मंद ,शिक्षालय बंद।
टैक्सी वालों का लूट ,सरकारी यातायात बंद.
मनमाना दाम ,पुलिस का कठोर व्यवहार।
जिंदगी धूप अति गरम ,
कब होगा ठण्ड पता नहीं।
सर्वेश्वर से प्रार्थना ,धुप को ठंडा करें।
करना का दहकता धूप मिट जाएँ।
स्वरचित -स्वचिंतक -एस। अनंतकृष्णन ,चेन्नै
मार्गदर्शक सोच बदलते हैं,
मार्ग तो एक,वहीं निष्काम जीवन ।।
जो मिलेगा मिल ही जाएगा,जो न मिले गा ,लाख प्रयत्न पर भी मिलता नहीं।
सिद्धार्थ बुद्ध बने,मनुष्य के बुढापा,रोग, मृत्यु जिसके कारण राजमहल त्यागे अपने मंजिल न पहुंचे।
यही जीवन । रोग बुढ़ापा मृत्यु सूक्ष्म शक्ति मानवेतर शक्ति।
विद्वत्ता ,पैसे ,पद ,नालायक है ईश्वरीय सुनामी के सामने।
ईमानदारी ,सत्य ,अहिंसा ,परोपकार इंसानियत ही जीवन।
एस। अनंतकृष्णन ,चेन्नै। 8610128658 mobile
उम्मीद
उम्मीद है पैसे के बल है तो
न्याय ,उपाधि ,घर ,नौकरी
सब प्राप्त होगा। ------लक्ष्मी विशवास। लक्ष्मी पुत्र
उम्मीद शिक्षा और ज्ञान पर हो तो
न्याय ,उपाधि ,घर ,नौकरी और मनोकामनाएँ पूरी होगी। -सरस्वती पुत्र।
भाग्य पर उम्मीद हो तो
चुपचाप रहने पर भी तीनों मिलेगा। --भाग्य…
[12:22 PM, 9/25/2020] Ananda Krishnan Sethurama: धर्म मानव धर्म
किसान बनकर अगजग की भूख मिटाना।
साधू बनकर सदुपदेश ,
गुरु बनकर अज्ञानान्धकार मिटाकर अनंतेश्वर से मिलाना।
व्यापारी बनकर आवश्यक पदार्थों की बिक्री।
पेशेवर बनकर उपयोगी कला।
उद्योगपति बनकर बेकारी दूर करना।
ईश्वर की सूक्ष्म ज्ञान ,
अगजग की व्यवस्था ,
एक की क्षमता दुसरे को नहीं ,
हरफन मौला जग में कोई नहीं।
शारीरिक बल है तो बुद्धि बल कम।
आर्थिक बल तो अन्य बल कहाँ ?
एक दुसरे से आश्रित वही
परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि। .
स्वरचित -स्वचिंतक एस। अनंतकृष्णन