Friday, September 25, 2020

 मार्गदर्शक सोच बदलते हैं,

मार्ग तो एक,वहीं निष्काम जीवन ।।

जो मिलेगा  मिल ही जाएगा,जो न मिले गा ,लाख प्रयत्न पर भी मिलता नहीं।

सिद्धार्थ बुद्ध बने,मनुष्य के बुढापा,रोग, मृत्यु जिसके कारण राजमहल त्यागे अपने मंजिल न पहुंचे। 

यही जीवन । रोग बुढ़ापा मृत्यु सूक्ष्म शक्ति मानवेतर शक्ति। 

विद्वत्ता ,पैसे ,पद ,नालायक है ईश्वरीय सुनामी के सामने। 

ईमानदारी ,सत्य ,अहिंसा ,परोपकार इंसानियत ही जीवन। 

एस। अनंतकृष्णन ,चेन्नै। 8610128658 mobile 


उम्मीद 

  उम्मीद है पैसे के बल है तो 

   न्याय ,उपाधि ,घर ,नौकरी 

    सब प्राप्त होगा। ------लक्ष्मी विशवास। लक्ष्मी पुत्र 

उम्मीद शिक्षा और ज्ञान पर हो तो 

न्याय ,उपाधि ,घर ,नौकरी  और मनोकामनाएँ पूरी होगी। -सरस्वती पुत्र। 

भाग्य पर उम्मीद हो तो 

चुपचाप रहने पर भी तीनों मिलेगा। --भाग्य…

[12:22 PM, 9/25/2020] Ananda Krishnan Sethurama: धर्म  मानव धर्म 

किसान बनकर अगजग की भूख मिटाना। 

साधू बनकर सदुपदेश ,

गुरु बनकर अज्ञानान्धकार मिटाकर अनंतेश्वर से मिलाना। 

व्यापारी बनकर आवश्यक पदार्थों की बिक्री। 

पेशेवर बनकर उपयोगी कला। 

उद्योगपति बनकर बेकारी दूर करना। 

ईश्वर की सूक्ष्म ज्ञान ,

अगजग की व्यवस्था ,

एक की क्षमता दुसरे को नहीं ,

हरफन मौला जग में कोई नहीं।

शारीरिक  बल है तो बुद्धि बल कम। 

आर्थिक बल तो अन्य बल कहाँ ?

एक दुसरे से आश्रित वही 

परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि। .

स्वरचित -स्वचिंतक एस। अनंतकृष्णन

No comments:

Post a Comment