Sunday, September 13, 2020

 : कवि सम्मेलन 

कविता लिखने से

सुनने सुनाने में आनंद।।

भारत में  महाकाव्य श्रवण द्वारा ही अधिकांश लोग जानते हैं।

 संत तिरुवल्लुवर कहते हैैं--

संपत्तियों में श्रवण  ही श्रेष्ठ संपत्ति है ,वही सभी संपत्ति यों  के सिर मौर है।

सेल्वत्तुल सेल्वम चेविच्चेल्वम,अच्चेल्वम चेल्वत्तुल  एल्लाम तलै।।

==========================

 ईश्वर वंदना

श्रीगणेश करता हूं,

श्री गणेश के नाम से

ज्ञान श्री चाहिए।

श्रीनिधि चाहिए।

तन,मन,धन स्वस्वस्थ रहें।

अगजग में शांति,संतोष रहें।

मतांधता मिट जाएं।

मानव मानव में 

धर्म ज्योति , मानवता  जगजाएं।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंत कृष्णन।

No comments:

Post a Comment