: कवि सम्मेलन
कविता लिखने से
सुनने सुनाने में आनंद।।
भारत में महाकाव्य श्रवण द्वारा ही अधिकांश लोग जानते हैं।
संत तिरुवल्लुवर कहते हैैं--
संपत्तियों में श्रवण ही श्रेष्ठ संपत्ति है ,वही सभी संपत्ति यों के सिर मौर है।
सेल्वत्तुल सेल्वम चेविच्चेल्वम,अच्चेल्वम चेल्वत्तुल एल्लाम तलै।।
==========================
ईश्वर वंदना
श्रीगणेश करता हूं,
श्री गणेश के नाम से
ज्ञान श्री चाहिए।
श्रीनिधि चाहिए।
तन,मन,धन स्वस्वस्थ रहें।
अगजग में शांति,संतोष रहें।
मतांधता मिट जाएं।
मानव मानव में
धर्म ज्योति , मानवता जगजाएं।।
स्वरचित स्वचिंतक अनंत कृष्णन।
No comments:
Post a Comment