Friday, September 18, 2020

 जहननुम है जिंदगी।

  जिंदगी स्वर्ग है या नरक।

 स्वर्ग है जिंदगी  ,

वहीं जिंदगी नरक है।

कोई दुखी व्यक्ति 

दुख भूलने  शराब पीकर 

पियक्कड़ बन जाता है

कहता है जिंदगी स्वर्ग है।

वही स्वर्ग उसको 

नरक की ओर ले जाता है,

उसके घरवाले गरीबेके  गड्ढे में 

नरक अनुभव,पियक्कड़

शराब लेने पैसे न तो नरक।

स्वर्ग  नरक हमारे व्यवहार से।

प्रेम एक पक्षीय है तो 

छोड़ना स्वर्ग,

उसी की याद नरक।।

रिश्वत भ्रष्टाचार के पैसे स्वर्ग।

उसके पाप का दण्ड

 ईश्वरीय नरक।

सत्संग स्वर्ग, बद संग नरक।

मत सोचो स्वर्ग नरक देवलोक में।

समाज का अध्ययन करो

पता चलेगा मनुष्य 

यही स्वर्ग नरक के

सुख दुख का

 दण्ड भोगता है।   

यही स्वर्ग है ऐसा

 कोई न कह सकता।

यही नरक है

 ऐसा नहीं कह सकता।

दोनों भोगता है मनुष्य।

स्वाचिंतक,स्वरचित अनंतकृष्ण।

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