Thursday, September 17, 2020



 जुगनू 


 जुगनू में चमक

मानव में नहीं।

जग की रचनाएं अतिविचित्र।

जागृत जीवन में

जुगनू की रोशनी काफी

सूर्य की चमक जीवन में।

उल्लू की अंधेरे की सृष्टि

मानव को नहीं,है तो

चोर डाकू। स्मगलर्स

जी नहीं सकते।

मानव में सत्य की चमक

जुगनू सम होते हैं,

असत्य की चमक सूर्य सम।

अतः सत्य जुगनू सा

टिम टिम करता है।

वही देता सुख दुख असह्या सह्य।।

स्वरचित सवाचिंतक

एस.अनंतकृष्णन।

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