Sunday, September 20, 2020


   अंतर्मन  यह मन  आत्मानुभूति ,

  ब्रह्मानंद ,सुखप्रद ,चैनप्रद। 

ऐसा एक  मन न होता ,तो 

मानव जीवन में सदा बेचैनी। 

लोभ यह चीज़ तुम्हारे घर में न होना ,

मेरे घर में होता ,अंतर्मन। 

बाहर मन दूसरा कहता।

ये भ्रष्टाचारी ,तुझे वोट न देता।

अंतर्मन कहता ,पर नमस्ते कह 

मत मांगते ही आपका ही मेरा वोट.

कहता बाहर मन। 

कर्जा लेकर न देने का बहाना मन में 

बाहर मन कहता तो क्या होता।

हाथ में माला ,मुँह  में राम 

अंतर्मन आसाराम ,प्रेमानंद। 

बाहर कहता तो जूते का मार। 

भूख दोस्त के यहाँ भोजन का वक्त 

अंतर्मन कहता खिलाता तो 

बाहर मन यही कहता अभी खाया है। 

रिश्वत देकर स्नातक ,

रिश्वत देकर अंक 

अंतर्मन बाहर प्रकट न करता।

विवशता  अंतर्मन में 

बाहरी मन लाचारी। 

कबीर ने  यों  ही बताया 

मनका मनका डारी दें ,

मन  का  मन  का फेर। .

बाह्याडम्बर काम का नहीं भक्ति में 

अंतरम…

[10:44 AM, 9/21/2020] Ananda Krishnan Sethurama: अब तो झूठ का बोलबाला है --


नमस्कार।  वणक्कम। 

 हम कहते हैं --अब तो झूठ का बोलबाला है। 

पर इनका समर्थन हम ही करते। 

यथा राजा तथा प्रजा। 

वादा न निभाया,अगले चुनाव वही वादा। 

वही शासन ,वही विधायक ,वही शासन 

हम ही मतदाता ,कहते हैं झूठ का बोलबाला।

मंदिर के आसपास नकली चन्दन ,नकली चंदनकी लकड़ी 

जानते हैं सब  चुप रहते क्यों ?

कहते हैं झूठ का बोलबाला है। 

जानते हैं भिखारी झूठा लंगड़ा ,फिर भी भीख देते हैं। 

कहते हैं झूठ का बोलबाला। 

सिंग्नल में  बच्चे सहित भीख ,

वह बच्चा न हिलता डुलता कटु धुप में भी 

कहते हैं झूठ का बोलबाला।

कोई भीख देता तो रोकना पाप। 

कहते हैं सर्वत्र झूठ का बोलबाला है। 

मंदिर दर्शन  जल्दी जाने कोई 

पहरेदार से पैसे देकर आगे जाता तो 

हम भी अनुकरण करते हैं ,रोकते नहीं 

कहते हैं झूठ का बोलबाला।

जल्दी काम होने पहले हम 

गलत रास्ते पर जाने सिफारिश की तलाश में 

कहते हैं झूठ का बोलबाला है। 

झूठ के पक्ष में ही हम 

फिर भी कहते हैं झूठ का बोलबाला है। 

जब मैं बच्चा था कहते झूठ पाप.

अब कहते हैं होशियार होनहार 

झूठ भाषण कला में वैज्ञानिक झूठ 

पता लगाना मुश्किल। 

कहते हैं झूठ का बोलबाला है। 

कृष्ण अश्वत्थामा जोर न लगाकर कुञ्जरः  जोर लगाता तो 

द्रोण  की मृत्यु न होती ,

हम कहते हैं 

हर कहीं झूठ का बोलबाला है. 

स्वरचित स्वचिंतक --एस। अनंत कृष्णन।

No comments:

Post a Comment