Saturday, April 14, 2018

सावधान

सावधान.
अजनबी से कुछ  न लेना देना.
लेन देन  के कारण
हम गुलामी थे.
गुलामी है.
 वोट भी देते हैं
बदमाशों को नोट लेकर.
चाकलेट  दिया,
मासूम लडकी से बलात्कार.
बेरहमी से,
आदमखोर  जानवर से भी
अधम, अत्याचारी.
कोई वकील इसके पक्ष में आता तो
उस को भी  नाग समझ,
तुरंत मारना, ब्लूग्रास वह भी अत्याचारी,
मच्छरों के बीच लिटा देना.
बिच्छुओं के बीच बिठा देना.
दंड विधान भारत में ठीक नहीं,
कठोरतम दंड देने डरते सांसद
वही तो बडा अत्याचारी,
कंस समान,
हिरण्यकश्यप  समान
भगवान को तभी
 जब अत्याचार  की चरम सीमा बढती.
पुलिस पर पत्थर मारते कश्मीर  में
सहना कितनी कायरता,
ऐसे पत्थर बाजी के समर्थक,
राष्ट्र गीत, राष्ट्र  झंडे का अपमान
कब तक सहते रहेंगे  हम.
मारो उन देश द्रोहीयों को
उन पर रहम दिखाना कायरता है.
तब तक ग्ञानी  को खुद
खुदा  बन सर काटना.
न तो कितनी मासूम आसिया है,
सत्तर साल का बूढा करता ब्याह बीस साल की लडकी से,
उसका मीडिया  में स्वागत.
रोकने कोई नहीं अमीरों को गुलाम.
लाल बत्ती क्षेत्र  का लाइन्स बंद करो.
निर्दयी शासकों क्या संयमहीन
जीविकोपार्जन  पशुपालन से भी अति न्यून. 

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