मनुष्य मन सब के मूल में हैं ,
विचार तरंगें चंचल हैं ,
भगवान जिस की प्रार्थना करें ,
इसमें भी हमें दुविधा हैं.
देवी उपासक देवी को कहता तो
हनुमान उपासक हनुमान को
दादा एक मंदिर है तो
नाना एक मंदिर
तुलसी राम तो सूर कृष्ण
ज्ञान मार्ग , प्रेम मार्ग
अलावा इनके ईसा मार्ग , अल्ला मार्ग
बुद्धा ,महावीर जैन मार्ग , सिक्ख मार्ग
इन भक्ति मार्ग के बीच
नास्तिक ,शैतान मार्ग
ज्ञानी मनुष्य भी है धर्म संकट में.
विचार तरंगें चंचल हैं ,
भगवान जिस की प्रार्थना करें ,
इसमें भी हमें दुविधा हैं.
देवी उपासक देवी को कहता तो
हनुमान उपासक हनुमान को
दादा एक मंदिर है तो
नाना एक मंदिर
तुलसी राम तो सूर कृष्ण
ज्ञान मार्ग , प्रेम मार्ग
अलावा इनके ईसा मार्ग , अल्ला मार्ग
बुद्धा ,महावीर जैन मार्ग , सिक्ख मार्ग
इन भक्ति मार्ग के बीच
नास्तिक ,शैतान मार्ग
ज्ञानी मनुष्य भी है धर्म संकट में.
No comments:
Post a Comment