Sunday, April 29, 2018

विश्वास रखना

प्रातःकालीन प्रणाम.
विश्वेश्वर पर  विश्वास  रखो.
विषयवासना  को दूर रखो.
हमारा अपना भाग्य है.
ब्रह्मा ने सिरोरेखा लिखा है.
बदलना, बदलाना, बदलाना
सब असंभव ही असंभव है.
सोचो ,हम कुछ बनकर
तैयार नहीं हुए.
पर कुछ बने है,
जितना प्रयत्न किया,
पता नहीं  हमें.
जितना चाहा उतना मिल गया.
और अधिक चाहना लालच है,
जितना मिला, उससे अधिक
अपने प्रयत्न से नहीं मिलेगा.
मिलेगा तो ईश्वर का अनुग्रह  है,
इस पर दृढ विश्वास  रखो.
 चाहे वह शिव हो या अल्ला हो या ईसा
सब प्रेम, दान, परोपकार,
मनुष्यता  का ही संदेश देते हैं.
कोई मजहब नहीं कहता,
लूटो, मारो, अपने लिए  जिओ.
ये सिखाने वाला मजहबी नहीं,
 मजहबी अगुआ है तो
मन में घुसा है शैतान और शैतानियत.

 माया से बचने ईश्वरीय कृपा चाहिए.

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