हर हर महादेव ॐ ; ॐ ;
हे भगवान ! देखी , तेरी लीलाएं!
मैं सब से ताल-मेल बिठाना चाहता हूँ ,पर
न जाने ताल अपस्वर हो जाता है,
ऐसा ही महसूस हो रहा है ,
मैं हूँ नालायक जीने में ,
तेरी लीलाओं में सच्चे अच्छे भोगते
सदा दुःख ही दुख ;
उनको समाज करते नफरत ,
वे जीते हैं गरीब ही गरीब.
न तो वे आगे बढ़ते ,
न सम्मान पाते,पर
प्रशंसा का पात्र बनते ,
पर उनका अनुकरण थोड़े ही करते.
ऐसा ही चलता है समाज .देश , जग .
हे भगवान ! देखी , तेरी लीलाएं!
मैं सब से ताल-मेल बिठाना चाहता हूँ ,पर
न जाने ताल अपस्वर हो जाता है,
ऐसा ही महसूस हो रहा है ,
मैं हूँ नालायक जीने में ,
तेरी लीलाओं में सच्चे अच्छे भोगते
सदा दुःख ही दुख ;
उनको समाज करते नफरत ,
वे जीते हैं गरीब ही गरीब.
न तो वे आगे बढ़ते ,
न सम्मान पाते,पर
प्रशंसा का पात्र बनते ,
पर उनका अनुकरण थोड़े ही करते.
ऐसा ही चलता है समाज .देश , जग .
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