Thursday, April 19, 2018

सत्य

हर हर महादेव  ॐ ; ॐ ;

हे  भगवान !   देखी , तेरी  लीलाएं!
मैं  सब  से  ताल-मेल बिठाना चाहता हूँ ,पर
न  जाने ताल अपस्वर हो  जाता है,
ऐसा  ही महसूस  हो  रहा  है ,
मैं हूँ  नालायक जीने  में ,
तेरी लीलाओं में सच्चे अच्छे भोगते
सदा   दुःख  ही दुख ;
उनको  समाज करते नफरत ,
वे  जीते  हैं गरीब  ही गरीब.
न तो  वे आगे बढ़ते ,
न सम्मान पाते,पर
प्रशंसा  का पात्र बनते ,
पर उनका अनुकरण  थोड़े  ही करते.
ऐसा  ही चलता  है समाज .देश , जग .

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