Wednesday, April 18, 2018

भारत की महिमा

भारत की  महिमा 

जग में जीना एक कला है,
वह कला तो अति सूक्ष्म .
पत्थर सा कठिन ,
शिल्पकार चाहिए .
श्वेत कागज़ सा साफ ,
चित्रकार चाहिए .
कीचड मिट्टी सा अरूप ,
कुम्हार चाहिए ,
इन सब में
अच्छे गुण , सोच ,विचार चाहिए .
वह पत्थर
अश्लील न बने ,
वह गोरा कागज़ में
अश्लील चित्र न खींचे
वह मिट्टी में
कुम्हार अश्लील पुतला न बानाए.
जिन्दगी एक कविता ,
अच्छे कवि चाहिए.
जिन्दगी कैसी हैं? ,
देखा जग को ,
सुमार्ग दिखाने
साधू -संत हैं ,
कुमार्ग पर ले जाने
साधू संत हैं ,
देवी-देवताओं की मूर्ती , चित्र , पुतला
बनाने वाले शिल्पकार ,
चित्रकार ,
कुम्हार हैं ,
बुरे अश्लीलता से
समाज बिगाड़ने वाले
शिल्पकार , चित्रकार ,कुम्हार हैं ,
भजन -कीर्तन -सदुपदेश के लेखक -कवि हैं ,
शैतानियत भी अधिक हैं , माया -मोह भी .
इन सब के रचयिता भगवान ने
मनुष्य में
इन सभी गुण ,सोच ,विचार ,क्षमता दी है,
लेकिन भगवान सूत्रधार ,
भारत के अधिकाँश शासकों को
अहंकारी , स्वार्थी , भ्रष्टाचारी , घूसखोरी ,
गलत मार्ग पर चलनेवाले बदमाशों के बल पर
सत्ता हासिल करने की क्षमता दी है,
सारे जहा में भ्रष्टाचारी देश के बीच
भारत को नाम मिला है
--आध्यात्मिक भूमि.
संसार को शान्ति
मार्ग पर ले चलनेवाले ,
भगवान बुद्ध का जन्म भारत में ,

सर्वत्र तजकर वस्त्र तक के
धर्म प्रचारक
महावीर भारत में ,

अद्वैत ,द्वैत ,विशिष्टाद्वैत के आचार्य
भारत में ,

कितने ईश्वर दूत भारत में
कहना मुश्किल ,
सूची बनाना बनवाना मुश्किल .
अभी भारत की तरक्की हुई हैं.
पर हर कोई भारतीय
सत्ता -शासकों से संतुष्ट नहीं ,
न्यायालयों पर विशवास नहीं .
फिर भी देश आगे हैं ,
मेरी जावानी और बुढापे की तुलना में
देश सर्व सम्प्पन्न हैं ,
यही है भारत की महिमा.

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