Thursday, February 27, 2025

भक्ति

 लेखनी रचना का संसार की कार्यकारिणी समिति और कवियों को एस.अनंतकृष्णन का नमस्कार वणक्कम्।

  विषय :--भक्ति 

विधा --अपनी हिंदी अपने विचार अपनी स्वतंत्र शैली भगवान की देन।

 भक्ति नहीं तो मुक्ति नहीं।

 मानसिक नियंत्रण नहीं।

 पंचेंद्रिय संयम नहीं।

 इच्छा की लहरों को 

आराम नहीं।

 आशा नहीं,

 औदार्य नहीं।

 अहंकारी मनुष्य को

 आध्यात्मिक चिंतन 

 अखिलेश्वर का भय नहीं तो

 आत्मज्ञान नहीं।

 अज्ञानांधकार में 

 काम क्रोध मद मोह लोभ में 

 नित नित भोगना पड़ता

 असीमित संताप।

 भ्रम में असत्य ही सत्य रहेगा।

 यही संसार मिथ्या

अनश्वर ,यह मृत्यु लोक

 जानने में माया डालेगी पर्दा।

परिणाम जीवन पर्यंत झेलेगा 

 दुख, स्वप्न में भी सुख अप्राप्त।


एस.अनंतकृष्णन चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना ईश्वरीय देन।

शिवदास।

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