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Thursday, December 18, 2025

परोपकार

 परोपकार 

एस., अनंत कृष्णन, चेन्नई 

19-12-25.

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बार बार एक ही शीर्षक

 परोपकार।

 प्रकृति ही निस्वार्थ 

 परोपफारी,

 ईश्वर की सृष्टि।

 नदी,सागर, पृथ्वी,

पंचतत्व 

 हवा, पानी, अग्नि, पृथ्वी, आकाश।

ये अपना कर्तव्य

निस्वार्थ रूप में करते हैं।

मानव ज्ञानी पर

 स्वार्थ हेतु

 इन सबको प्रदूषित कर रहा है।

मनुष्य में निस्वार्थ कोई नहीं।

  उसमें संयम् नहीं,

भगवान के नाम लेकर 

ठगता है मानव।

 रामावतार में 

 कृष्णावतार में 

आधुनिक वैज्ञानिक युग में 

नश्वर संसार जानकर भी

अहंकार वश अन्याय करता है मानव।

 शिक्षा उच्च शिक्षा ज्ञान।

 क्या प्रयोजन।

 भ्रष्टाचार शासक

 धन के बल पर,

 दंड से बच जाता है।

चार्टर्ड एकाउंटेंट 

 धन के लिए 

 कर से बचने,

 आय कर विभाग को 

 ठगनै झूठा हिसाब 

किताब लिखने 

अमीरों को देता हे शिक्षा।

भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी 

रोकने के विभाग 

 बिल्कुल बेकार।

चुनाव आयोग,

न्यायालय,

जानता है

काले धन का महत्व।

वोट के लिए नोट,

 बदमाशी,

 अल्पसंख्यकों के विजेता 

45%वोट से शासक दल।

वह भी गठबंधन के कारण।

 मतदाता30% वोट नहीं देते।

 विपक्षी दल पाते 25%वोट।

 बैंक में करोड़ों रूपए 

 कर्जा,

 आयकर देने वाले 

अपराधियों को

 जेल में सुविधाएँ,

जेल में अपराधियों को

 नशीली वस्तुएँ।

मंदिर का बाह्याडंबर

 भक्ति नहीं व्यापार।

नकली संन्यासी,

नकली भिखारी 

नकली वस्तुएँ

 मंदिरों के बाहर

भिखारी बनावटी वेश में 

तिरुपति गया तो

जवान स्त्रियाँ

 नन्हें शिशुओं को लेकर भीख।

 ऐसे लोगों को 

भीख देना 

परोपकार नहीं।

तटस्थ जिला देशों का

 तबादला,

दंड।

अंक, उम्र में 

शिथिलता।

आरक्षण नीति।

 इन सबको न रोककर

 अर्थ प्रधान वकील,प्रशासक।

भगवान की सृष्टि में 

 सत्यवान, भक्त संकट मैं।

धनी भ्रष्टाचारी रिश्वतखोरी 

 सुविधा में।

लेखक कवि दरिद्र।

 प्रकाशक धनी ।

ये सब रहित समाज,राष्ट्र

 शासक, प्रशासक

 ही परोपकार।

  बाघ की सृष्टि 

 हिरण की सृष्टि 

 मकड़ी की सृष्टि 

उसके जाल में फँसकर

आहार बननेलाले कीड़े

बिल्ली चूहा।

जिसकी लाठी उसकी भैंस।

 परोपकारी बाघ का आहार  बननेलाले हिरण परोपकारी।

  तटस्थ परोपकारी 

 दधिची ।

 दानवीर कर्ण 

 ये प्राण त्यागी परोपकारी।

परोपकारी वृक्ष,

 उन्हें काटकर 

 बेचनेवाला धनी।

बेरहमी धन प्रधान

 जगत में प्राण रक्षक से

वही मनुष्य है,

जो दूसरों के लिए जिए और मरे।

मरनेवाले दानी। परोपकारी।

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