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Wednesday, December 10, 2025

पराया धन

  पराया धन

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई 

10-12-25.

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पराया धन, 

 तमिलनाडु में 

 संतान लक्ष्मी को

 ग्रामों में कहते थे,

 एक हमारा धन,

 दूसरा पराया धन।

मतलब है

लड़का अपना धन है,

 लड़की पराया धन।

 जीवन में धन कमाना,

 सनातन धर्म के अनुसार 

दान धर्म करना।

 अन्नदान,गोदान,भूदान  कन्या दान।

   पराया धन  

   अपहरण 

  महा पाप।

 मानव की चल संपत्ति 

 अचल संपत्ति सब 

  परायों के लिए।

 पीढ़ी दर पीढ़ी 

 लोगों के लिए।

 अन्न धन

 किसान के मेहनत से।

वह परायों के लिए।

वृक्ष फल न भखै,

 नदी न संचय नीर।

 परमार्थ के कारणे

 साधु धरा शरीर।

 कपड़ा बुनकर बनाता है

 वस्त्र धन दूसरों के लिए।

 शरीर ढकने कपड़े चाहिए,

मानव की कमाई कपड़े खरीदने केलिए।

 कपड़ा बुनकर का नहीं,

बेचने के लिए।

तब पराया धन  

 बदलाव के लिए।

 सुनार का आभूषण 

 परायों के लिए।

 परायों का धन सुनार के लिए।

 देश है अपना धन।

ज़मीन अपना।

 धन तो चंचल है,

 परायों के हो जाते हैं।

मित्रता भी धन है।

 विद्या धन ,

 परायों को देते देते

 ज्ञान की वृद्धि होती है।

इस जहां में सब के सब 

 परायों के लिए।


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