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Sunday, December 21, 2025

शांति की खोज

 सुकून की तलाश में 

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई 

22-12-25.

 सुकून की तलाश में 

 शांति की खोज में 

 ऋषि-मुनियों ने जंगल में 

गुफाओं में एकांत में 

तपस्या की,

 ज्ञान की बातें सिखाई।

 वेद, उपनिषद की रचना की।

 लोगों को सत्य मार्ग दिखाया।

 संयम सिखाया।

ध्यान सिखाया ,

 योग सिखाया।

धर्म सिखाया।

 मानवता सिखायी।

 अद्वैत, द्वैत, विशिष्टाद्वैत 

 के मार्ग दिखाये।

 बगैर एक पैसे के खर्च के

 दिव्य शक्ति पाने का मार्ग दिखाया।

 सिद्धार्थ राजकुमार,

 राज सुख तजकर,

 ज्ञान प्राप्त कर एशिया का ज्योति बना।

 सत्य अहिंसा का मार्ग दिखाया।

 महावीर बड़े त्यागी 

 वस्त्र तक तजकर‌

 जीवकारुण्य का मार्ग

 दिखाकर जिओ और जीने दो का मार्ग दिखाया।

हज़रत मुहम्मद ने एकांत 

 हीरा गुफा  में 

 खुदा का पैगाम।

 लड़ाई झगडे खून बहाये

 समाज में शांति की स्थापना की।

 बिना बाह्याडंबर, बिना खर्च किये।

 आधुनिक पाश्चात्य सभ्यता ने

 मधुशाला वह खोलकर 

 परिवार की शांति भंग किया।

आमदनी को मधुशाला में खोकर 

 मानव को ग़रीबी के गड्ढे में  गिरा दिया है।

ज़रा सोचिए ,

 सुकून का मार्ग 

 मधुशाला, वेश्यागमन नहीं, जिनके कारण आर्थिक घाटा,

 बेचैनी।

 सोचिए 

शांति का मार्ग है क्या है?

आध्यात्मिक भूमि ही शांति/चैन/ सुकून का मार्ग हैं।

 या मधुशाला, अश्लील गाने नाच अस्थाई ,

ज्ञान चक्षु प्राप्त मानव 

 सोचो, विचारो,

 अपनाओ।

 शांति की तलाश का मार्ग 

 जप-तप-ध्यान प्राणायाम आदि।

स्वास्थ्य रक्षक, धन रक्षक, शांति प्रद जान।

 आधुनिक शांति का मार्ग मिथ्या , खर्चीला ।

 अस्थाई ,सुध बुध खोकर 

 सड़क पर गिरानेवाली।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।

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