नमस्ते। वणक्कम्। 🙏
कविता: सहयोग — अर्थ और लाभ
सहयोग वह सेतु है, जो दिलों को जोड़ता है।
एक-दूसरे का हाथ थाम, जीवन को मोड़ता है।
जहाँ मैं नहीं, वहाँ हम का भाव जन्म लेता है,
कठिन से कठिन पथ भी सरल बन जाता है।
सहयोग से दुख आधा, सुख दुगुना हो जाता है,
थके कदमों में फिर से साहस भर जाता है।
ज्ञान, श्रम और समय जब साथ बँटते हैं,
असंभव से सपने भी सच बनते हैं।
यह विश्वास की नींव पर खड़ा एक दीप है,
अंधकार में जो सबको दिशा देता है।
समाज, परिवार, राष्ट्र सब मजबूत होते हैं,
जब सहयोग के संस्कार जीवित रहते हैं।
सहयोग ही मानवता का सच्चा लाभ है।
यदि चाहें, मैं इसे सरल भाषा, बाल कविता, या तमिल–हिंदी मिश्रित रूप में भी लिख सकता हूँ।
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