Monday, February 24, 2020

खून शक्ति पसीना

नमस्ते। खून शक्ति।
पसीना बहाना
स्वास्थ्य के लिए ही नहीं ,
जीविकोपार्जन के लिए।
तोंद घटाने के लिए।
स्वस्थ तन के लिए।
स्वस्थ धन के लिए।
स्वस्थ धनी परिवार के लिए।
संतान पालने के लिए।
सुख- सुविधा के
वैज्ञानिक सुख के लिए।
कितना सुख।
जवानी में दौड धूप।
बुढापे में धनी।
यही संसार मिथ्या नश्वर जगत।
खून पसीना एक कर
कमाई पैसे सानंद भोगने
सदानंद सच्चिदानंद का अनुग्रह चाहिए।
तीस हजार की सुंदर मूर्ति गंगा में
विसर्जन से प्रदूषण बाह्याडम्बर।
हिंदु मिलकर गरीबों की शिक्षा
आवास में खर्च करें तो
धर्म परिवर्तन क्यों ?
धन के बल पर आतंकवाद सेना।
मजदूर सेना,
आत्म हत्या सेना।
मतदाता को पैसे देना।
गरीब सच्चे शासक नहीं।
असुर शासक देव गुलाम
ऐसे सिद्धांत बदलना चाहिए।
ये भ्रष्टाचार धनी भी यम का मेहमान।
अभिनेता, क्रिकेट प्लेयर सांसद या विधायक बन क्या क्या योजना बनाई।
खून पसीना एक कर
अच्छे सच्चे ईमानदार निस्वार्थ
प्रतिनिधि चुनिये।सुनिए
पाँच सौ के लिए या रिश्वत केलिए
अन्यायों को ईश्वर जैसे वर मत दीजिये।
असुरों का शासन या अबच्चों का शासन
मतदाता ईश्वर की संकेत उंगली में।
खून पसीने के मेहनत का फल
सानंद भोगिए ।
सबहिं नचावत राम गोसाई।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम स्वीकार।

Saturday, February 22, 2020

खड़िया और पोंछन

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक को तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक
 यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
शीर्षक  : खड़िया और    पोंछन।

  फिल्म  नहीं  देखा।
  बचपन की याद आई।
  अध्यापक/अध्यापिका
   श्याम  पट पर लिखते ।
 खड़िया का चूर्ण
 श्याम पट के किनारे पर।
 अध्यापक  के बाहर जाते ही
चूर्ण बन जाता, मुख चूर्ण।
मूँछें  सफेद  मूँछ।
मेरे सहपाठी
चूर्ण से खींचता
अति सुंदर  चित्र ।
 आज चाक और डस्टर
फिल्म है नहीं  देखा।
एक  दूसरे की हँसी के कारण।
लड़ने के कारण।
मजाक के कारण।
पाठशालाओं  की पुरानी  यादें।
 अध्यापक  के पोंछन के फेंकने से
दोस्त के सिर से रक्त बहना।
अध्यापक  का डर।
अभिभावक की गालियाँ।
कभी न भूलते,
यादें  हरी हुई।
अतःशुक्रिया साहित्य  संगम को।

भूल

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक को तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम ।
  शीर्षक  -भूल।
   भूल के दो अर्थ
    गल्तियां-विस्मरमण।
भूल चूक होना सहज।
  जान -समझकर भूल करना।
   दंडनीय।
 भूल गया  सब कुछ ।
याद नहीं  अब कुछ।
प्यार  करने की भूल
नारी तो भूल  जाती।
नर पागल क्यों  बन जाता।
 कुंती की भूल ,
 कर्ण  की चिंता।
कर्ण  का अपमान।
सभा में  अपमान।
कबीर  का लहर तालाब  पर फेंकना।
ये ऐतिहासिक  भूलें  भूलना
सुशासन में  भूलें।
परीक्षा  में  उत्तर की भूल।
 कृतज्ञ  मत भूल।
कवि तिरुवळ्ळुवर
कृतज्ञता  कभी न भूल।
ऋण चुकाने  मत भूल।
 भूल से दंड,
 भूल से कम अंक।
 भूल से गर्भ धारण
 आजीवन दंड  शोक जान।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम स्वीकार

Saturday, January 18, 2020

निर्भया

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
    भय रहित यात्रा पर वह निर्भया
   बलात्कार  का पात्र।
रावण ले गया
भीष्म  लिए गये
ये पुराण पात्र ।
पति को मारा ।
नूर को उठा लाया।
वह मुगल  का पात्र।
हर बात में  ईश्वर की लीला
हर बात ईश्वर  की सृष्टि  है  तो
दोष किसका?
12साल की शादी  वाले देश में
16  साल को दंड से  छूट क्यों?
युग युग की कहानी  बदलेगा कौन?
स्वरचित  स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।

Thursday, January 16, 2020

गुरु शिष्य परंपरा का लोप

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
 गुरु शिष्य परंपरा  का लोप 17-1-2020।
गुरु  कौन है ?
गुरु उच्च  कुल के
 प्रतिभाशाली छात्र को ही
सिखाने वाले हैं।
गुरु कुल में  ब्रह्मचारियों  को
 गुरु सेवा प्रधान बनाकर
शिक्षा  देनेवाले।
गुरु  की आज्ञा  से
अंगूठा  ही क्या  सिर तक
 काटकर देनेवाले।
आजकल  इतनी आज्ञाकारी  शिष्य नहीं।
आजकल के अध्यापक 
द्रोण जैसे  अंगूठे की माँग नहीं करते।
अध्यापक  संघ मज़दूर  संघ समान।
गुरु  राजा का गुलाम।
कर्ण की जाति देख शाप देनेवाले  निष्ठुर।
अध्यापक  वेतन  भोगी।
उच्च  निम्न वर्ग  न देखता।
सब को प्रतिभाशाली हो या औसत बुद्धि वाले हो या मंद बुद्धि 
सबको शिक्षा देनेवाले ।
पैसे प्रधान।
ट्यूशन छात्रों  को
विशेष  अंक देनेवाले।
बाये हाथ लिखकर दायें हाथ में
अंक देनेवाले।
अध्यापक  को  छात्र को
मारना पीटना गाली देना मना।
डर डर कर चलनेवाले।
अधिकारी  का भय।
राजनीतिज्ञ का भय।
बदमाश  अभिभावकों  का भय।
बोलने का भय।
क्रोध  में  कोई अपशब्द  निकलें तो
नौकरी जाने का भय।
गुरु शिष्य परंपरा 
हिरण्यकशिपु  के काल से
आज तक तटस्थ  संबंध  नहीं।

स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।

Tuesday, January 14, 2020

।आज का युवा इतना अधीर हो

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस .अनंतकृष्णन का प्रणाम।
 आज का युवा  इतना अधीर क्यों?
 15-1-2020।
  जागो! युवकों।
सवाल  उठा है अधीर हो।
स्नातक स्नातकोत्तर शिक्षित समुदाय के
युवक युवतियों के  दिल अधीर।
सब्रता नहीं जानते।
कारण मेहनती नहीं।
केवल किताब के कीडे।
 दूरदर्शन  -मोबयिल के बेगार।
विवेकानंद  भगवान  से बढकर
स्वास्थ्य  को प्रधानता देते।
तिरुमूलर् ने तिरुवासकम में
शरीर को ही मंदिर मानते।
बाह्य आकर्षण  इतना अधिक।
आत्मनियंत्रण आत्मसंयम
नहीं  के बराबर।
विनम्रता अनुशासन
गुरु भक्ति  के अभाव की शिक्षा।
अध्यापक  वेतन भोगी।
मातृभाषा  के नैतिक  ग्रंथों  को
  पाठ्यक्रम में  कम स्थान।
ईसाई मुगल स्कूलों में
कुरान बाइबिल की पढाई।
सरकारी स्कूलों  में  प्रार्थना  का अभाव।
अंग्रेजों  के आगमन मुगलों  के तलाक
संभोग  भोग  नववर्ष मधु प्रधान।
वेतन भोगी  अध्यापक।
अनैतिक  व्यवहार।
शारीरिक  कमज़ोरी।
परिणाम  मानसिक  कमजोरी।
युवक  अधीर ।
भारतीय  प्राणायाम।
योगाभ्यास  का अभाव।
मनमाना जीवन।
परिणाम निस्संतान दंपति ।
तलाक, बलात्कारी।
जितेंद्र न तो अधीनता अनिवार्य।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।

Monday, January 13, 2020

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
  स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
 शीर्षक:  महँगाई। 13-1-2020
 माँग बढ़ने पर महँगाई।
उत्पादन कम होने पर महँगाई।
भ्रष्टाचारियों  के कारण महँगाई।
कालाबाजार के कारण महँगाई ।
लोभ के कारण महँगाई।
मानव के बाह्याडम्बर के कारण महँगाई।
सिनेमा  क्रिकेट टिकट ब्लाक में
लेने से  महँगाई।महँगाई।
पेट्रोल   दो करों के कारण।
राज्य कर , केंद्र  कर।
करों  के कारण महँगाई।
गंगा  में  बाढ।
मिनरल वाटर बाटिल
ये तो  विदेशी  रिश्वत का फल।
हेलमेट की मृत्यु  से कार की ।
मृत्यु  अधिक।
पियक्कड़ चालक के कारण।
महँगी अभिनेता  न्याय की महँगाई।
बड़ों  बड़ों का समर्थन  ।
वकीलों  की महँगाई।
गवाहों  का नदारद।
महँगाई श्मशान के ठेके से
पानी के ठेके तक।
झील  की लंबाई चौडाई।
खेती कम।महँगाई अधिक।
कारण स्वार्थ  राजनीतिज्ञ।
सौ करोड से ज्यादा खर्च।
आध्यात्मिक  महँगाई
अंधविश्वास  आधार।
स्वरचित।