नमस्ते। वणक्कम।
Sunday, November 29, 2020
साहित्य
समाज कल्याण
नमस्ते। वणक्कम।
विधा -कुंड + लिया
विषय--समाज कल्याण
29-11-2020.
साहित्य समाज कल्याण के लिए।
सीता ने अग्नि कुंड का मार्ग लिया।।
फिर भी जीवन में शांति न पाती।।
धर्मयुद्ध कहीं नहीं,
महाभारत के बाद भी।
पांडवों को शांति नहीं।
भले ही कृष्ण साथ रहें।।
राम कहानी सुनाना
समाज में अपना दुखड़ा रोना।
नाते रिश्ते का ईर्ष्या भाव जगाना।
उनकी हानियां दिखाना।।
समाज सुधारना ।।
सद्भाव जगाना।।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।
Monday, November 23, 2020
अधजल गारी छलकत जाय। நிறைகுடம் ததும்பாது
अधजल गारी छलकत जाय।
நிறைகுடம் ததும்பாது
குறைகுடம் கூத்தாடும்.
राजा अति सुन्दर,
सुशासक हो तो गुणसुंदर।।
तुगलक दरबार अति व्यंग्य दरबार।।
राम राज्य अतिप्रिय।।
पूर्ण गुणवाले ईश्वर ।
सिवा उनके मनुष्यावतार
राम -कृष्ण भी अधजल गगरी।।
मानना पड़ा,
मानना पड़ता है,
मानना पड़ेगा।
सर्वेश्वर पूर्णकुंभ,
भरा घड़ा।।
मनुष्य अपूर्ण घड़ा।
अतः मानव जन्म अधजल गगरी
छलकत जाय।।
सबहिं नचावत राम गोसाईं।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।
हिंदी भी मैं, तमिल भी मैं।।
ஹிந்தியும்
தமிழும் நானே..
அரசன் அதி அழகு.
நல்லாட்சியர் குணம்
அதி அழகு.
துக்ளக் அவை கேலிக் கூத்து.
ராம் ராஜ்ஜியம்
அதிகப் பிரியம்.
பூர்ண குணமுள்ளவர் பகவானே.
இறைவனைத் தவிர
மற்றவர்கள் குறை குடம்.
அவரைத் தவிர மற்றவர்கள் குறை குடம்.
ஏற்க நேர்ந்தது.
ஏற்க நேர்கிறது.
ஏற்க நேரிடும்.
பகவான் பூர்ண கும்பம்.
இறைவன் நிறைகுடம்.
மனிதர்கள் குறை குடம்.
ஆகையால்
மனிதப்பிறவி
"குறை குடம்.
குறை குடம் கூத்தாடும்.
நிறை குடம் ததும்பாது."
அனைவரையும் ஆட்டுவிக்கும் ஆண்டவன்.
சுய சிந்தனையாளர் சுய படைப்பு அனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை ஹிந்தி ஆசிரியர்.
अधजल गगरी छलकत जाय
अधजल गगरी छलकत जाय।
நிறைகுடம் ததும்பாது
குறைகுடம் கூத்தாடும்.
राजा अति सुन्दर,
सुशासक हो तो गुणसुंदर।।
तुगलक दरबार अति व्यंग्य दरबार।।
राम राज्य अतिप्रिय।।
पूर्ण गुणवाले ईश्वर ।
सिवा उनके मनुष्यावतार
राम -कृष्ण भी अधजल गगरी।।
मानना पड़ा,
मानना पड़ता है,
मानना पड़ेगा।
सर्वेश्वर पूर्णकुंभ,
भरा घड़ा।।
मनुष्य अपूर्ण घड़ा।
अतः मानव जन्म अधजल गगरी
छलकत जाय।।
सबहिं नचावत राम गोसाईं।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।
Friday, November 20, 2020
"अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई"
"अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई"
कहना आसान,
भलाई करनेवाले,
सत्य बोलने वाले,
बेचारा भला आदमी।
लेखक लिखता रहे,
सैकड़ों पृष्ठ दिन रात
प्रकाशक को लिखा करें।।
पैसे न मांगें तो लेखक भला।
अपने सुविचार प्रकट कर
अनुशासन समाज को
सतपथ दिखाता रहे।
प्रेमचंद ,महावीर प्रसाद,
गीतावाचक,गीता पाठक,
उपदेशक, सब के सब,
अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई।।
हिंदी कवि अपने आप लिखना,
पंजीकरण शुल्क,
अपनी कविता के
प्रकाशन केलिए शुल्क,
मंच पर कविता सुनाने शुल्क,
प्रेम भरा,अश्लील व्यवहार की कविताएं तालियां पाती।।
अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई।।
धन दौलत भ्रष्टाचार सौ गुना लाभ,
बुराई जीवन की बुरी कमाई।।
कमाई अच्छाई दरिद्रता का हो
कमाई बुराई भ्रष्टाचारी का हो।
सबको अंत में एक ही जगह,
भलाई एक कोने में,
भगवान भी बिना सोचे विचारे
असुरों को वर देकर देवों को जेल में रख,
मोहिनी अवतार में ,
महिषासुर वर्द्धिनी
असुरों को मारने के पुराण।
भगवान के वर्णन ही ऐसा हो तो
लोभी लालची स्वार्थी मानव कैसे?
अन्याय के साथ रहें तो
विस्मय की बात क्या?
भगवान भी देता
भ्रष्टाचारियों के साथ।।
वर देकर अच्छे या बुरे
दुख सुख देखना,
ईश्वर की लीला नहीं,
ईश्वर के दंड विधान हीअलग।
कोई भी सुखी नहीं,
कोई भी दुखी नहीं।।
स्वर्ग नरक ,यही जान।।
अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई।।
लैखकों का सद्विचार तो
संसार की बड़ी कमाई।।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।।
मन चंगा है तो कठौती में गंगा
இனிய காலை வணக்கம் நண்பர்களே!
मधुर प्रात:कालीन प्रणाम।
Good morning friends।
ईश्वरीय लीला अद्भुत।
इंसान को संतुलन में रखने
बुद्धि दी, सुखी से जीने,
आनंद से जीने ,
पशु पक्षियों मनुष्य को
भूख-प्यास, काम,नींद,
बराबर बांटे गए।
केवल मनुष्य को जितेंद्रिय बनाया ।
सनातन ,धर्म के प्रधान भगवान को
दो पत्नियां दी, पर ब्रह्मा -सरस्वती एक
ज्ञान एक, चिंतन अनेक।
शक्ति , ज्ञान, क्षमताओं में
बराबरी नहीं,
पागलों,पंडितों,
नायक, खलनायक,
क्रोधी, कामुक,लोभी,
न्यायी,अन्यायी,
दयालू-निर्दयी,
पापात्मा, पुण्यात्मा,
बल दुर्बल गुण अवगुण,
मान अपमान
जगमंच को
एक अभिनय मंच बनाकर
अपने को सर्व श्रेष्ठ सिद्ध की.
जो शक्ति नचा रही है,
उस शक्ति को प्रणाम।
राम राम
गति रोधक कितना भी बड़ा हो,
गति धीमी करने से
झटका नहीं लगता ।
उसी तरह
मुसीबत कितनी भी बड़ी हो
शांति से विचार करने पर
जीवन में झटके नही लगते ।
[10:11 AM, 11/20/2020] sanantha 50: स्वस्थजीवन कैसे?
मन चंगा तो कठौती में गंगा।
निश्चल /निश्छल
मन है तो
स्वज्स्थ जीवन।।
काम,क्रोध,मद,लोभ न तो
सर्वार्थ जीवन।।
संयम है तो स्वस्थ जीवन।
जितेन्द्रियता स्वस्थ जीवन।।
दान धर्म जनकल्याण स्वस्थ जीवन।
सुशासक का जीवन स्वस्थ जीवन।।
आदर्श जीवन में यथार्थ जीवन
स्वस्थ जीवन।।
भ्रष्टाचारी अत्याचारी रिश्र्वत खोरी
ठेकेदार कच्ची सड़क
चुनाव में मतदाता का घूस।
इन सब का जीवन अस्त-व्यस्त जीवन जान।।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै
[11:04 AM, 11/20/2020] +91 70154 90935: 🌹🙏 आज की काव्य-पंक्ति?
[11:06 AM, 11/20/2020] sanantha 50: ஹிந்தியும் நானே தமிழும் நானே.
हिंदी भी मैं और तमिल भी मैं।।
தலைப்பு:---
स्वस्थजीवन कैसे?
ஆரோக்கிய வாழ்க்கை எப்படி?
மனம் பரிசுத்தம் ஆனால்
அனைத்தும் பவித்திரம்.
சஞ்சலமற்ற /வஞ்சனை மற்ற
மனம் இருந்தால்
ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.
காம குரோதம்,ஆணவம், பேராசை
இல்லை என்றால்
ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.
புலன் அடக்கம் இருந்தால்
ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.
ஐம்புலன்களை வென்றால்
ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.
தானம் தர்மம் மக்கள் நலம்
ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.
நல்ல ஆட்சி யாளர் வாழ்க்கை
ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.
ஊழல்செய்பவன்,கொடுங்கோலன்,
லஞ்சம் வாங்குபவன் வாழ்க்கை
ஆரோக்கியமற்ற வாழ்க்கை.
இவர்கள் வாழ்க்கை
சிதறிய வாழ்க்கை என்பதை
அறிந்து கொள்வோம்.
சுயசிந்தனை பாளர் சுய படைப்பு
அனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை ஹிந்தி ஆசிரியர்.
मन चंगा तो कठौती में गंगा।
निश्चल /निश्छल
मन है तो
स्वस्थ जीवन।।
काम,क्रोध,मद,लोभ न तो
स्वस्थ जीवन।।
संयम है तो स्वस्थ जीवन।
जितेन्द्रियता स्वस्थ जीवन।।
दान धर्म जनकल्याण स्वस्थ जीवन।
सुशासक का जीवन स्वस्थ जीवन।।
आदर्श जीवन में यथार्थ जीवन
स्वस्थ जीवन।।
भ्रष्टाचारी अत्याचारी रिश्र्वत खोरी
ठेकेदार कच्ची सड़क
चुनाव में मतदाता का घूस।
इन सब का जीवन अस्त-व्यस्त जीवन जान।।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै
राजनीति के साथ रहें सुनीति
राजनीति के साथ रहें सुनीति।
राजनीति के साथ सुनीति न हो तो
देशोन्नति कैसी?
असुरों का शासन,
विदेशी आक्रमण,
विदेशी शासन
गुलामी जीवन,
भारतीय अवतार पुरुष ,
युग पुरुष जाग उठे।।
क्रांतियां जाग उठी।
सुप्त जनता जाग उठी।
जगाने लगे।।
ऐसी राजनैतिक क्रांति यां
नरम दल गर्म दल
राजनीति के साथ सुनीति रही।।
आजादी के बाद सत्तर साल के
स्वदेशी शासन में यह नारा
"राजनीति के साथ सुनीति रहें"!
बिहार के चुनाव में नोटो ज़्यादा।।
भिन्न नीति नेताओं के साथ घुट बंधन।।
पहले दिन के भ्रष्टाचारी नेता,
दूसरे दिन के सत्याचार के श्रेष्ठ नेता।।
परसों अयोग्य नेता।।
महाराष्ट्र केकुनीति राजनीति,
कम संख्या के दल केनेता
पद के लिए अपने
दुश्मन दल से जुड़ना।।
आज के सच्चे देशभक्तों का नारा--"राजनीति के साथ रहे सुनीति"!
,स्वचिंतक स्वरचित कविता
अनंतकृष्णन, चेन्नै।।