Saturday, March 16, 2019

अपनी ढपली, अपना राग _(मु )

परिषद को नमस्कार.
शीर्षक : अपनी ढपली,अपना राह.
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 नमस्ते  कहना
 अधीनस्थ  का शिष्टाचार। 
देख अनदेखे जाना,
अधिकारी  का काम। 

अपनी ढपली, अपना राग.
छंद नियम कहना ,
पंडितों का काम,

अपनी शैली,
अपनी अभिव्यक्ति,
अपनी हिंदी
 ऐसे मार्ग अपनाना

अपनी ढपली,
अपना राग पर चलना,
अपनी भाषा  का विकास.
मैथिली, व्रज, अवधि, खिचड़ी चल
खडी  बोली पर चलना,
नव कविता अपनाना,
आधुनिक हिंदी की अपनी चाल.
अर्द्ध  नग्न पोशाक मत पहनोे कहना
बडों का अनुशासनिक उपदेश। 
न मानकर चल, 
कामायनी सा

अध खुला अंग  वर्णन में,
सब के आकर्षक का पात्र  बनना
स्नातक स्नातकोत्तर
महिला की आजादी।
मानकर चलना
अपनी  ढपली, अपना राग.
राम जैसा जीना,
कृष्ण  का चलना। 

रावण से अहंकार पर   चलना
अपनी ढपली, अपना राग। 
 विषैला साँप,
आदम खोर जानवर

मांसाहारी, शाकाहारी,
ईश्वर का अपना राग, अपनी ढपली।
विधि की विडंबना  मान चलना
अपनी ढपली, अपना राग.

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